Edited By Kalash,Updated: 28 Dec, 2024 06:47 PM
जिन लोगों को ये बीमारियां हैं या हो चुकी हैं उन्हें इन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
मलोट : पिछले सप्ताह से सर्दी की दस्तक के बाद ताजा बारिश ने सर्दी बढ़ा दी है। इस सर्दी का मानव जीवन पर मिलाजुला असर पड़ रहा है। हालांकि मौसम में बदलाव और सर्दी बढ़ने के कारण इसे फसलों के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन मौसम में बदलाव के कारण मानव स्वास्थ्य पर बीमारियों का असर पड़ने की संभावना अधिक हो जाती है। फसलों के लिए फायदेमंद बारिश मानव स्वास्थ्य के लिए चेतावनी का संकेत है। इसके चलते स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मौसम विभाग की ओर से दी गई पूर्व सूचना के मुताबिक आज सुबह से ही हल्की बूंदाबांदी शुरू हो गई है, जिससे पारा अचानक गिरने लगा है और बुजुर्ग बच्चे घरों में रजाई के और दुकानदार हीटर के सहारे खुद को ठंड से बचा रहे हैं। लोग मजबूरी में बाहर निकल रहे हैं, जिससे अनाज मंडी समेत बाजारों में रौनक कम हो गई है।
वहीं दूसरी ओर छोटे काम धंधे और आम गरीब लोग आग जला कर सर्दी से बचाव कर रहे हैं। रबी की मुख्य फसल गेहूं के लिए यह मौसम फायदेमंद माना जाता है। किसानों का मानना है कि सर्दी उनकी फसलों के लिए फायदेमंद है। इस संबंध में कृषि अधिकारी डॉ. मंगलसेन का भी कहना है कि अगले 2 सप्ताह में लोहड़ी तक बारिश के आसार होते हैं। गेहूं की फसल जिस अवस्था में है, उसके लिए यह सर्दी फायदेमंद है। वहीं इस सर्दी का असर इंसान की सेहत पर जरूर पड़ता है।
सर्दियों के मौसम और बीमारियों से बुजुर्गों और बच्चों के प्रभावित होने की संभावना अधिक होती है। इस संबंध में मलोट सरकारी अस्पताल में तैनात डॉ. सुनील अरोड़ा एम.डी. पल्मोनोलॉजी का कहना है कि सर्दी, गले में खराश, खांसी, अस्थमा, काला अस्थमा, निमोनिया, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और मधुमेह का खतरा रहता है। जिन लोगों को ये बीमारियां हैं या हो चुकी हैं उन्हें इन बीमारियों का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा किसी को पहले से कोई दवा खा रहे है, या स्टील रॉड है या वह लंबे समय से दर्द की दवा ले रहा है उनको ज्यादा सावधान रहना चाहिए। शराब या तंबाकू का सेवन करने वालों से भी ज्यादा खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि इन बीमारियों का शिकार कोई भी हो सकता है, लेकिन बुजुर्गों और बच्चों को इसका खतरा ज्यादा होता है।
उन्होंने कहा कि इससे बचाव के लिए शरीर को गर्म रखें, अधिक तरल पदार्थ वाले गर्म कपड़े पहनें, गर्म पानी पिएं, स्वस्थ भोजन करें, कम तेल, कम नमक और कम चीनी खाएं, धूम्रपान और शराब से दूर रहें व्यायाम, योग और पैदल चलने के अलावा, जरूरत की दवाओं का भी प्रबंध करके रखे। सूर्योदय के बाद ही टहलना चाहिए। इसके अलावा अगर किसी को इस बीमारी के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से सलाह लें।
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