Edited By Vatika,Updated: 06 Jul, 2024 10:12 AM
इसे देखते हुए बहुत से अविभावकों ने तो अपने अपने बच्चे स्कूल से हटा लिए हैं और...
खन्ना(शाही,कमल): साल 1952 में बना रेलवे रोड खन्ना का सरकारी प्राइमरी स्कूल बंद होने के कगार पर आ गया है। वजह रेलवे स्टेशन के बाहर बिछाई गई फ्रेट कारीडोर रेलवे लाइन है। रेलवे रोड स्थित इस सरकारी स्कूल में रेलवे स्टेशन से शहर की और केवल बाजार है और केवल 10-12 घर ही हैं जिससे स्कूल में केवल लाइन पार क्षेत्र के झुगी-झोपड़ी के बच्चे और प्रवासी भारतीयों के बच्चे और अन्य मध्यम वर्ग के परिवारों के बच्चे ही पढ़ने आते हैं।
इन बच्चों को स्कूल में आने के लिए ललहेड़ी रोड, जी.टी. रोड और रेलवे रोड से 5-7 कि.मी. का सफर होने से बच्चे लाइन पार कर स्कूल आते थे। अब फ्रेट कारीडोर लाइन बिछाने के बाद शहर की और कंकरीट दीवार बना दी है जिससे बच्चे पहले स्टेशन पर खड़ी गाड़ियों के नीचे से स्टेशन पर आते हैं फिर स्टेशन पर बनी 2 सीढ़ियों को पार कर स्कूल आते हैं। कभी भी बच्चे गाड़ी के नीचे से लाइन पार कर रहे हों और गाड़ी चल पड़े तो एक बहुत बढ़ा हादसा हो सकता है। इसे देखते हुए बहुत से अविभावकों ने तो अपने अपने बच्चे स्कूल से हटा लिए हैं और लाइन पार क्षेत्र में कोई अन्य सरकारी स्कूल न होने पर इन परिवारों के बच्चे कहीं भी पढ़ने नहीं जा रहे।
स्कूल को लाइन पार स्थानांतरित करने पर सरकार को होगा करोड़ों रुपए का फायदा
खन्ना का रेलवे रोड स्थित सरकारी स्कूल शहर की सबसे बड़ी थोक की करियाना मार्कीट के नाम से जाना जाता है। जहां पर एक एक दुकान की कीमत 5-5, 7-7 करोड़ है। खत्री चेतना मंच के प्रधान एस.के. भल्ला ने बताया कि अगर सरकार इस स्कूल के स्थान पर 8-10 दुकानें बना दे तो सरकार को 50 से 70 करोड़ की आय होगी और उस रकम से 10 प्रतिशत खर्च कर लाइन पार क्षेत्र में स्कूल का निर्माण कर दे तो एक तो सरकार को करोड़ों रुपए की बचत होगी।
स्व. गुरमिन्द्र सिंल लाली ने किया था स्कूल के लिए जमीन देने का वायदा
सरकारी प्राइमरी स्कूल रेलवे रोड की मुख्य अध्यापिका और सर्कल हैड टीचर श्रीमती प्रियंका चावला से जब संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि स्कूल को लाइन पार स्थानातरित करने के लिए उन्होंने उच्च अधिकारियों को लिख रखा है। इस संबंध में स्कूल का स्टाफ लाइन पार क्षेत्र के कौंसलर गुरमिन्द्र सिंह लाली से भी मिला था। उस समय लाली ने लाईन पर में उनकी जमीन स्कूल के लिए दान देने का वायदा किया था और कहा था कि स्कूल उसके पिता के नाम पर कर दिया जाए।
स्कूल को चलाने के लिए आगे आएगी खत्री चेतना मंच
पंजाब खत्री चेतना मंच के प्रधान सी.ए. एस.के. भल्ला, सरपरस्त मदल लाल शाही ने कहा कि उन्हे पता चला है स्कूल में पानी पीने के लिए कोई वाटर कूलर नहीं है बच्चों की स्कूल में संख्या घटने का यह भी एक कारण है इसलिए उनकी संस्था वीर हकीकत राय एजुकेशन सैंटर की और से स्कूल में वाटर कूलर का प्रबंध किया जाएगा। खत्री चेतना मंच की इकाई आई.डी. भवन के उप चेयरमैन विपन चंद्र गेंद ने घोषणा की कि वाटर कूलर का खर्च खत्री चेतना मंच की और से वह अपनी जेब से करेंगे।