Edited By Urmila,Updated: 09 Jul, 2025 11:45 AM

देश की आजादी के बाद करीब 35 -40 करोड़ की लागत से बना शहर का एकमात्र रेलवे फ्लाईओवर पुल प्रशासनिक अनदेखी और लापरवाही का शिकार होता जा रहा है।
अहमदगढ़ (तायल) : देश की आजादी के बाद करीब 35 -40 करोड़ की लागत से बना शहर का एकमात्र रेलवे फ्लाईओवर पुल प्रशासनिक अनदेखी और लापरवाही का शिकार होता जा रहा है। नगर परिषद और लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी) की उदासीनता के चलते फ्लाईओवर पर भारी मात्रा में जमा मिट्टी और कचरे में उगते पौधे अब पुल की संरचना के लिए खतरा बनते जा रहे हैं।
इतना ही नहीं इस रेलवे पुल पर कई हफ्तों से जमा गन्दा पानी न सिर्फ इस पुल को क्षतिग्रस्त कर रहा बल्कि वहां एकत्रित हो रहा लारवा डेंगू, मलेरिया जैसी अनेको बीमारियों को निमंत्रण दे रहा है। स्थानीय लोगों और समाजसेवियों का कहना है कि मिट्टी में उग आए पौधों की जड़ें फ्लाईओवर की लैंटर संरचना में पहुंचकर उसे कमजोर कर रही हैं, जिससे भविष्य में कोई बड़ा हादसा हो सकता है। खासकर बरसात के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। दोपहिया वाहन चालक फिसलन के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं।
पुल पर अंधेरा भी बना मुसीबत
रेलवे पुल की अधिकतर लाइटें महीनों से खराब पड़ी हैं, जिससे रात के समय पुल से गुजरना खतरे से खाली नहीं। अंधेरे और गंदगी के कारण वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समाजसेवियों की आवाज
हरीश धई शहर के प्रमुख समाजसेवी हरीश धई ने रेलवे ओवरब्रिज की बदहाली पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पुल पर जमा मिट्टी में उगते पौधे, हफ्तों से खड़ा गंदा पानी और बंद पड़ी स्ट्रीट लाइटें अब आमजन के जीवन के लिए खतरा बनती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यह पुल विकास की नहीं, प्रशासनिक लापरवाही की तस्वीर बन चुका है। गंदगी और पानी से डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां फैलने का अंदेशा है, जबकि अंधेरे में दोपहिया वाहन चालकों के फिसलने का खतरा बढ़ गया है। हरीश धई ने नगर कौंसिल, लोक निर्माण विभाग और रेलवे विभाग से समन्वय बनाकर तत्काल सफाई अभियान शुरू करने और लाइटों की मरम्मत करवाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने अब भी ध्यान नहीं दिया तो जनता का सब्र टूटेगा और आंदोलन की स्थिति पैदा हो सकती है।
रेलवे पुल बना बीमारियों का घर, नगर परिषद क्यों मौन?
समाजसेविका सुरिंदर कौर शहर के एकमात्र रेलवे ओवरब्रिज की बदहाल स्थिति को लेकर समाजसेविका सुरिंदर कौर ने कड़ा रोष व्यक्त करते हुए कहा कि पुल पर जमा मिट्टी में उगते जंगली पौधे, और कई सप्ताह से जमा गंदा पानी अब डेंगू, मलेरिया जैसी जानलेवा बीमारियों को खुला निमंत्रण दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे पुल कोई बाग-बगीचा नहीं है, जहां पौधे सजाए जाएं। मिट्टी में उगते झाड़-झंखाड़ न सिर्फ पुल की संरचना को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि बीमारियों के लिए भी अनुकूल माहौल बना रहे हैं। सुरिंदर कौर ने नगर परिषद व लोक निर्माण विभाग से सवाल किया कि कई हफ्तों से पुल पर जमा गंदे पानी को देखकर भी क्या प्रशासन की आंखें नहीं खुलती। बरसात के दिनों में यह हाल रहा, तो शहर के लोगों को अस्पताल की लाइन में खड़ा होना पड़ेगा।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर नगर परिषद ई.ओ विकाश उप्पल से बात करनी चाही तो वो पत्रकार का तीन दिन के लगातार फ़ोन नहीं उठा रहे वही पर नगर कौंसिल के सफाई इंचार्ज का कार्य देख रहे वरिंदर कुमार ने बताया की यह रेलवे फ्लाई ओवर पुल पी.डब्ल्यू.डी मालेरकोटला की और से बनवाया गया है और इसकी साफ सफाई भी पी.डब्ल्यू.डी मालेरकोटला की और से की जाएगी वह कुछ नहीं कर सकते। मगर वही अहमदगढ़ नगर कौंसिल का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे सैंटरी इंस्पैक्टर हरप्रीत सिंह ने आज फ़ोन पर बताया कि वह मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारियों के चलते थोड़ा व्यस्त थे और उनके पास रायकोट, जगराओ, अमरगढ़ और अहमदगढ़ का अतिरिक्त कार्यभार है। उन्होंने कुछ समय पहले भी थोड़ी बहुत सफाई करवाई थी मगर अब वह शीघ्र ही इस पुल की सफाई करवाएंगे।
वहीं लोक निर्माण विभाग की एक्सईएन जूनियर इंजीनियर चरणसिंह ने कहा कि इस रेलवे फ्लाई ओवर पुल की देखभाल की जिम्मेदारी उनकी नहीं है यह नगर कौंसिल अहमदगढ़ की है उन्होंने तीन साल तक इसकी सफाई का ठेका किसी प्राइवेट कंपनी को दे रखा था उसके बाद अब नगर कौंसिल की जिम्मेदारी बनती है। इसके सम्बन्ध में उन्होंने नगर कौंसिल अहमदगढ़ को पत्र लिख कर सूचित किया जा चुका है ।
जनता की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि फ्लाईओवर की नियमित सफाई, पौधों की कटाई, लाइटों की मरम्मत और जल निकासी की व्यवस्था को प्राथमिकता दी जाए, ताकि भविष्य में किसी बड़े हादसे से बचा जा सके। लोगो ने कहा कि वह चाहते हैं कि समस्या सुलझे, टालमटोल नहीं। जिम्मेदार विभागों को अब जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
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