Edited By Vatika,Updated: 23 May, 2022 11:36 AM

एक तरफ जहां वर्तमान गेहूं की कटाई के दौरान नाड़ जलाने के मामलों में गिरावट दर्ज की गई
लुधियाना(सलूजा): एक तरफ जहां वर्तमान गेहूं की कटाई के दौरान नाड़ जलाने के मामलों में गिरावट दर्ज की गई है, वहीं पंजाब के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में मंडी गोबिंदगढ़ 174 ए.क्यू.आई. के साथ पहले और 156 ए.क्यू.आई. के साथ लुधियाना दूसरे नंबर पर रहे।
फिरोजपुर में नाड़ जलाने के सबसे अधिक मामले
मोहाली अब तक सबसे कम 30 नाड़ को आग लगाने की घटनाओं के साथ सबसे सुरक्षित जिला रहा। इसके बाद रूपनगर में 71, फतेहगढ़ साहिब में 72, पठानकोट में 165, नवांशहर में 15, मालेरकोटला में 225, मानसा में 412, पटियाला में 448, बरनाला में 471, होशियारपुर में 475, फरीदकोट में 523, फाजिल्का में 526, कपूरथला में 710, मुक्तसर में 723 और संगरूर में 783, जालंधर में 814 और बठिंडा में 829 मामले सामने आए।
ये रहे पंजाब के 10 सर्वाधिक प्रदूषित शहर
शहर ए.क्यू.आई.
- मंडी गोबिंदगढ़ 174
- लुधियाना 156
- मोहाली 152
- जालंधर 144
- अमृतसर 132
- पटियाला 132
- खन्ना 131
- रोपड़ 110
- फरीदकोट 82
- बठिंडा 69
लोग हो रहे बीमारियों का शिकार
प्रदूषित वातावरण की वजह से बच्चों व बुजुर्गों के अलावा आम जनता अस्थमा व हृदय रोगों की शिकार होने लगी है जोकि चिंता का विषय है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि वह बच्चों व बुजुर्गों का विशेष तौर पर ध्यान रखें।जिला लुधियाना के कृषि अधिकारी ने बताया कि जहां पंजाब सरकार की द्वारा किसानों को नाड़ व पराली न जलाने संबंधी समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है। उसके अ‘छे नतीजे सामने आने लगे हैं जिसकी मिसाल लुधियाना में नाड़ को जलाने के मामलों में कमी का आना है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी किसान सरकार के आदेशों का पालन न करके नाड़ व पराली जलाने का अपराध करेंगे, उनके खिलाफ बनती कानूनी कार्रवाई की जाएगी।