Edited By Urmila,Updated: 09 Dec, 2021 01:04 PM
पनबस और पी.आर.टी.सी. कर्मचारी की तरफ से की जा रही हड़ताल के कारण यात्रियों की परेशानी का हल नहीं निकल सका और उनको अपने रूट की बसें लेने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जालंधर (पुनीत, सोनू): पनबस और पी.आर.टी.सी. कर्मचारी की तरफ से की जा रही हड़ताल के कारण यात्रियों की परेशानी का हल नहीं निकल सका और उनको अपने रूट की बसें लेने के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से बसों की यातायात करवाने के लिए पंजाब के सभी शहरों में नए स्टाफ को बुलाया गया परन्तु हड़ताली कर्मचारियों की तरफ से नए चालकों को बसें चलाने से रोक दिया गया। इस कारण जालंधर के डिपो-1 में तनावपूर्ण हालात बन गए और भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। रोडवेज आधिकारियों ने नए स्टाफ से बसें चलवाने के लिए काफी यत्न किए परन्तु यूनियन नहीं मानी। पुलिस की तरफ से भी कर्मचारियों को समझाने की कोशिश की गई। इस दौरान रोडवेज आधिकारियों और यूनियन सदस्यों में तू-तू, मैं-मैं भी हुई और पुलिस ने मामला शांत करवाया। रात को नए चालकों की तरफ से डिपो में से बसें निकालने की सूचना के आधार पर यूनियन की तरफ से पंजाब के लगभग सभी डिपुओं सामने ‘नाइट धरना’ दिया गया।
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हड़ताल कारण 2100 से ज्यादा बसों का चक्का जाम है और सिर्फ 500 के लगभग बसों की यातायात हो रही है। ज्यादातर रूटों पर बसों की बेहद कम यातायात कारण यात्रियों की परेशानियां बढ़ रही हैं। जो प्राईवेट बसें चल रही हैं, उनमें भी बैठने के लिए आसानी के साथ सीट नहीं मिल रही। सोमवार रात 12 बजे से शुरू हुई हड़ताल कारण अभी तक सरकारी बसों के काऊंटरों से चलने के 7500 से ज्यादा टाईम मिस हो चुके हैं। इस कारण विभाग को 5.50 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजैक्शन चाबुक का निशान हो चुका है। पक्का करने की मांग को लेकर 6000 कर्मचारियों की तरफ से की जा रही इस हड़ताल को खत्म करवाना विभाग के लिए काफी मुश्किल होता जा रहा है क्योंकि कर्मचारी लिखित रूप में नोटिफिकेशन की मांग कर रहे हैं।
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बुधवार बसें चलाने के लिए बुलाए गए नए स्टाफ का विरोध शुरू होते ही आधिकारियों की तरफ से यूनियन सदस्यों को मीटिंग के लिए बुलाया गया। स्थानीय नेताओं ने इस बारे स्टेट शरीर को सूचित किया। उपरांत बटाला से यूनियन के सूबा जनरल सचिव बलजीत सिंह गिल ने जालंधर पहुंच कर डिपो-1 के जी.एम. जगराज सिंह और डिपो-2 के जी.एम. ऋषि शर्मा के साथ मुलाकात की। यूनियन नेताओं ने कहा कि हम पंजाब रोडवेज के पक्के कर्मचारियों की तरफ से बसें चलाने का विरोध नहीं कर रहे परन्तु नए स्टाफ से बसें चलवाना बेहद गलत है। डिपो-1 के प्रधान गुरप्रीत सिंह भुल्लर, डिपो-2 के प्रधान सतपाल सिंह सत्ता और सीनियर उपप्रधान दलजीत सिंह ने कहा कि नए चालकों को बसें चलाने का तजुर्बा नहीं है और उक्त नए स्टाफ का प्रशिक्षण भी नहीं लिया गया है।
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