Edited By Kamini,Updated: 25 Oct, 2025 03:56 PM

साइबर फ्रॉड की घटनाओं में तेजी से बढ़ रही है, जिससे आम लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इ
पंजाब डेस्क : साइबर फ्रॉड की घटनाओं में तेजी से बढ़ रही है, जिससे आम लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। इसे रोकने के लिए केंद्र सरकार अब नई पहल करने जा रही है। दूरसंचार मंत्रालय ने टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम कंपनियों के लिए साइबर सुरक्षा से जुड़े नए नियम लाया है।
इन नियमों के तहत Jio, BSNL, Airtel सहित सभी टेलीकॉम कंपनियों को शामिल किया जाएगा। मंत्रालय एक नया मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन (MNV) प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है। इसके जरिए यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति वास्तव में उसी यूजर का है, जिसकी KYC डिटेल टेलीकॉम कंपनी के पास है। अनुमान है कि आने वाले कुछ महीनों में यह प्लेटफॉर्म शुरू हो जाएगा।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म से बैंक, वित्तीय संस्थान और बीमा कंपनियां नए अकाउंट खोलते समय ग्राहक के मोबाइल नंबर की जांच कर सकेंगी। वर्तमान में ऐसा कोई मजबूत कानूनी तंत्र नहीं है, जिससे बैंक अकाउंट से जुड़े मोबाइल नंबर की पुष्टि की जा सके। साइबर फ्रॉड में मोबाइल नंबर के दुरुपयोग को रोकने के लिए यह कदम अहम माना जा रहा है।
हालांकि, नए नियमों को लेकर विशेषज्ञों में कुछ चिंताएं भी हैं। उनका कहना है कि यदि नॉन-टेलीकॉम कंपनियों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया गया, तो यूजर प्राइवेसी पर खतरा बढ़ सकता है। दूरसंचार विभाग अब इन नियमों के तहत बैंक और वित्तीय संस्थानों के साथ इंटीग्रेशन करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि दूरसंचार विभाग के अधिकार केवल टेलीकॉम कंपनियों तक सीमित होने चाहिए, न कि सभी गैर-टेलीकॉम फर्म्स तक।
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