कोरोना से मरे व्यक्ति का सम्मान और धार्मिक रीति रिवाजों से हो अंतिम संस्कार

Edited By Vatika,Updated: 10 Apr, 2020 12:15 PM

the funeral procession should be done with respect and religious rituals

कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति की मौत होने के बाद मृतक की देह का संस्कार करने के दौरान पिछले कुछ दिनों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें या

जालंधर (बुलंद): कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति की मौत होने के बाद मृतक की देह का संस्कार करने के दौरान पिछले कुछ दिनों में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें या तो मृतक के पारिवारिक मैंबर डर से देह का अंतिम संस्कार करने को आगे नहीं आते या फिर श्मशानघाट में कई लोग मृतक देह का संस्कार करने में बाधा डालते हैं। जालंधर के हरनामदासपुरा के श्मशानघाट में वीरवार को घटा मामला इसका ताजा उदाहरण है, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई मंत्रालय ने पिछले दिनों कोविड-19 गाइडलाइंस ऑफ डैड बॉडी मैनेजमैंट जारी की हैं। सरकारी गाइडलाइंस के मुताबिक किसी भी मरीज की कोविड-19 से मौत होने के उपरांत मृतक देह का सम्मान से और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार या दफन की रस्म अदा की जाए। इस विशेष अवस्था को ध्यान में रखते हुए आज डिप्टी कमिश्नर जालंधर द्वारा विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

ये हैं स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई मंत्रालय की गाइडलाइंस 

  • कोरोना पीड़ित व्यक्ति की मौत के उपरांत मृतक की देह परिवार के सदस्यों द्वारा ही संबंधित अस्पताल से प्राप्त की जाएगी और श्मशानघाट में अंतिम संस्कार परिवार द्वारा सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस व दिशा निर्देशों अनुसार सरकारी गठित कमेटी की उपस्थिति में करना अनिवार्य होगा।
  • यदि मृतक के परिवार का सदस्य उसकी मृतक देह लेने से इंकार करता है तो संबंधित अस्पताल के डाक्टर मैडीकल/सुपरिंटैंडैंट द्वारा इस संबंध में थाना अधिकारी को लिखित सूचना भेजी जाएगी। जिसके बाद संबंधित थाना प्रभारी मृतक को लावारिस शव घोषित करते हुए अंतिम संस्कार की कार्रवाई शुरू करेगा 
  • संबंधित उपमंडल मैजिस्ट्रेट इस उद्देश्य के लिए कार्यकारी मैजिस्ट्रेट को तुरंत ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त करेगा जो पुलिस और स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम/ नगर कौंसिल/ ग्राम पंचायत द्वारा गठित की गई टीम से तालमेल कर मृतक का संस्कार अपनी उपस्थिति में करवाएगा।
  • ड्यूटी मैजिस्ट्रेट और मुख्य थाना अधिकारी मृतक के परिवार को कम से कम संख्या में अंतिम संस्कार में उपस्थित होकर अंतिम रस्में निभाने के लिए कहेंगे।
  • उक्त गठित टीम इस बात का पूरा ख्याल रखेगी कि यह संस्कार रीति-रिवाजों के अनुसार और सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार किया जाए। 
  • सिविल सर्जन जालंधर मृतक देह का संस्कार करने के लिए टीम के समूह सदस्यों को जरूरत अनुसार सुरक्षात्मक गियर सप्लाई करेंगे।
  • संबंधित अस्पताल का डाक्टर, मैडीकल सुपरिंटैंडैंट मृतक की देह को विशेष एम्बुलैंस में श्मशानघाट में पहुंचाने के लिए जिम्मेदार होगा। 
  • संबंधित नगर निगम, नगर कौंसिल जिला जालंधर इस उद्देश्य के लिए टीम सहित एक नोडल अधिकारी का गठन करेगा। 
  • संबंधित नगर निगम, नगर कौंसिल, ग्राम पंचायत द्वारा गठित टीम संस्कार के लिए जरूरी सामान, सामग्री, लकड़ी आदि उपलब्ध करवाएगी। यदि परिवार यह प्रबंध खुद करना चाहे तो उनको यह अधिकार होगा।
  • ऐसे श्मशानघाट को प्रथमिकता दी जाए जहां इलैक्ट्रिक मशीन या गैस मशीन की सुविधा हो। 
  • डिप्टी कमिश्नर जालंधर ने आदेश दिए कि मृतक देह का अंतिम संस्कार या दफन करने के लिए किसी भी श्मशानघाट/ कब्रिस्तान की समिति इंकार नहीं कर सकेगी। ऐसा करने पर नियमों अनुसार उस विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी। 

मृतक का संस्कार करने के लिए  गठित की जाएगी कमेटी

  • ड्यूटी मैजिस्ट्रेट जो संबंधित उपमंडल मैजिस्ट्रेट द्वारा तैनात किया जाएगा।
  • संबंधित थाने का मुख्य अधिकारी या उस द्वारा अधिकृत थानेदार। 
  • नगर निगम, नगर पंचायत/ ग्राम पंचायत द्वारा गठित कमेटी के सदस्य। 
  • संबंधित श्मशानघाट का वह कर्मचारी जो मृतक देह का संस्कार करवाता है। 
  • परिवार की इच्छा अनुसार संबंधित परिवार का वह सदस्य जिसने मृतक देह को अग्नि भेंट करनी हो। 
  • पंजाब सरकार के स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के अनुसार स्वास्थ्य विभाग का प्रतिनिधि।

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