Edited By Vatika,Updated: 29 Nov, 2024 02:55 PM
जैसी 10 बड़ी इकाइयों समेत 54 स्कैटर्ड डाइंग यूनिटों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
लुधियाना: नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एन.जी.टी.) ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (पी.पी.सी.बी.) को शहर के इंडस्ट्रीयल इलाकों में चल रहे वर्धमान जैसी 10 बड़ी इकाइयों समेत 54 स्कैटर्ड डाइंग यूनिटों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इन निर्देशों के बाद इन इकाइयों से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर जुड़े 25 हजार परिवारों पर संकट छाता नजर आ रहा है। अगर ये यूनिट बंद हुए तो हजारों की संख्या में डाइंग कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और उनके लिए दो वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल हो जाएगा। इन इकाइयों से जुड़े कारोबारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पंजाब सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए, क्योंकि पंजाब में इंडस्ट्री पहले से ही संकट में चल रही है और कई इकाइयां दूसरों राज्यों में पलायन कर चुकी हैं। इसके बाद अगर पी.पी.सी.बी. इन पर कार्रवाई करता है तो यह संकट और भी बढ़ सकता है। इसलिए मुख्यमंत्री भगवंत मान खुद ही इस मामले में संज्ञान लेकर उचित निर्देश जारी करें, ताकि उन्हें राहत मिल सके। उन्होंने सी.एम. से अपील की कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं और उन्हें भी समय दिया जाए। उन्होंने मांग की कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए, ताकि उन्हें राहत मिल सके।
हर महीने लाखों रुपए टैक्स देती है इंडस्ट्री, सरकार के रैवेन्यू पर भी पड़ेगा असर
कारोबारी ने बताया कि वे हर महीने लाखों रुपए टैक्स सरकार को अदा करते हैं, इसके बावजूद उनसे ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। वे हर महीने लाखों रुपए हाऊस टैक्स, बिजली बिल के अलावा कंसैंट के पैसे भी जमा करते हैं। अगर उनके यूनिट बंद होते हैं तो सरकार के रैवेन्यू पर भी इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इससे हजारों परिवार प्रभावित होंगे। गत दिनों जिला प्रशासन की तरफ से बुलाई गई मीटिंग में डी.सी. ने उन्हें सी.ई.टी.पी. प्लांट लगवाने का आश्वासन दिया था। इसके लिए जगह तलाशने को लेकर जद्दोजहद की जा रही है, मगर अब ये आदेश जारी कर दिए गए हैं, इसलिए सरकार को एक बार इन आदेशों पर पुनर्विचार करना चाहिए।