शिक्षा विभाग का नया कारनामा : भ्रष्टाचार मामले में निलंबित रहे प्रिंसीपल को सौंपी ये जिम्मेदारी

Edited By Kalash,Updated: 31 Aug, 2023 11:16 AM

strange decision taken by education department

अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहने वाले शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक और नया कारनामा सामने आया है

गुरदासपुर : अक्सर किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहने वाले शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक और नया कारनामा सामने आया है। विभाग के उच्च अधिकारियों ने उस प्रिंसीपल को विभागीय कर्मचारियों व शिक्षकों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों का जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है जो खुद भ्रष्टाचार के एक मामले में विजिलेंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार करने के बाद निलंबित रहा है। इसका मतलब यह है कि अगर शिक्षा विभाग के किसी शिक्षक या कर्मचारी के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती है तो उसकी जांच अब कोई ऐसा अधिकारी करेगा जिस पर खुद भ्रष्टाचार का आरोप है। इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि जिस दिन इस अधिकारी को शिक्षा विभाग द्वारा बहाल करने का आदेश जारी किया गया, उसी दिन विभाग के चंडीगढ़ कार्यालय ने जांच अधिकारियों के पैनल में इसी प्रिंसीपल की नियुक्ति भी कर दी।

जानकारी के अनुसार सरकारी सीनियर सकैंडरी स्कूल कथलौर के प्रिंसीपल रामपाल को 30 नवम्बर 2022 को भ्रष्टाचार के एक मामले में विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार करने के बाद शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया था। मामला जिला गुरदासपुर के शिक्षकों के ट्रेनिंग सत्र दौरान धन के दुरुपयोग से संबंधित था। विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रिंसीपल रामपाल को करीब डेढ़ महीने बाद दिसम्बर में अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया था और एक महीने पहले 26 जुलाई को पंजाब शिक्षा विभाग ने उसे लंबित जांच की शर्त पर बहाल कर दिया था। 2 दिन पहले 28 अगस्त को उसे फिर से स्टेशन अलॉट करते हुए सरकारी सीनियर सैकेंडरी स्कूल कतलौर का प्रिंसीपल नियुक्त किया गया और नियुक्ति पत्र पर सचिव पंजाब स्कूल शिक्षा कमल किशोर यादव के हस्ताक्षर हैं।

हैरानी की बात है कि 28 अगस्त को ही डी.पी.आई. ने पंजाब के 23 जिलों और स्कूल शिक्षा के मुख्य कार्यालय शिक्षा विभाग के कर्मचारियों व शिक्षकों के खिलाफ प्राप्त शिकायतों की जांच के लिए प्रिंसीपल रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में एक और सूची जारी की है। शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्त यह अधिकारी अपने-अपने जिलों में शिक्षा विभाग से संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के भ्रष्टाचार व अन्य शिकायतों की जांच करेगा। हैरानी की बात यह है कि जांच अधिकारियों के इस पैनल में जिला पठानकोट के जो 5 प्रिंसीपल शामिल हैं, उनमें रामपाल का नाम भी है। वहीं प्रिंसीपल रामपाल जो खुद भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहा है, गिरफ्तार होने के बाद जमानत पर है।

मामले में की जाएगी कार्रवाई : डी.पी.आई.

जब पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के डी.पी.आई. सैकेंडरी संजीव शर्मा से फोन पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके ध्यान में नहीं है कि रामपाल के खिलाफ कोई विजिलेंस या विभागीय जांच है लेकिन अब मामला उनके ध्यान में आ गया है और वह आज ही मामले में कार्रवाई करेंगे। प्रिंसीपल रैंक का कोई अधिकारी जिस दिन पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा निलंबन के बाद बहाली का पत्र जारी करता है, उसी तारीख को उसी अधिकारी को डी.पी.आई. द्वारा जांच अधिकारियों के पैनल में शामिल किया जाता है। इस पर सवाल उठता है कि सचिव पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग व डी.पी.आई. पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग के बीच कोई तालमेल है या नहीं।

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