Edited By Mohit,Updated: 25 Nov, 2020 08:51 PM
पंजाब की तीस किसान जत्थेबंदियां ''दिल्ली चलो'' प्रोग्राम के तहत दल खालसा, सिख यूथ............
अमृतसर (अनजान): पंजाब की तीस किसान जत्थेबंदियां 'दिल्ली चलो' प्रोग्राम के तहत दल खालसा, सिख यूथ फेडरेशन भिंडरावाला के किसान जत्थेबंदी के नेता बलदेव सिंह सिरसा के साथ मिलकर श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास के बाद किसानों के हक मांगने के लिए दिल्ली रवाना हुई। पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए दल खालसा के हरपाल सिंह चीमा, बलदेव सिंह सिरसा, कंवरपाल सिंह बिट्टू और भाई रणजीत सिंह ने कहा कि 30 किसान जत्थेबंदियों की अगुवाई में आज का यह मार्च नरेंद्र मोदी सरकार के गलत फैसलों और काले कानूनों के खिलाफ होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा किसानों को बातचीत का बुलावा देना मोदी सरकार का यह एक ओर ड्रामा है। केंद्र किसानी मसले का हक और जायज हल करने के लिए ईमानदार नहीं है। हरियाणा सरकार द्वारा पंजाब के साथ लगते बॉर्डर को सील करने के फैसले को रद्द करते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसान आंदोलन को कुचलने के लिए नीच हरकतों पर उतर चुकी है।
केंद्र और हरियाणा सरकार का बॉर्डर सील करने का फैसला पंजाब के किसानों के मनोबल को कमजोर नहीं कर सकेगा। हरियाणा बॉर्डर सील करने पर किसानों के जाने पर लगी पाबंधी पर सख्त टिप्पणी करते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री खट्टर के इस फैसले ने 1982 में एशियाई खेलों के दौरान उस वक्त के हरियाणा के मुख्यमंत्री भजन लाल का हरियाणा बॉर्डर सील करना और सिखों पर हरियाणा पार करने पर लगाई पाबंधी याद करवा दी है। उन्होंने कहा कि सरकार की धमकियों से ना कभी सिख डरे हैं और ना ही डरेंगे। पंजाब के लोग दिल्ली के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं क्योंकि केंद्र ने हमेशा ही पंजाब के पानी, जवानी और किसानी को लूटने और उजाड़ने की कोशिश की है। किसानी को पंजाब की रीड़ की हड्डी और किसान को पंजाब का मान बताते हुए उन्होंने कहा कि मौजूदा किसानी संकट मौके पंजाब एकजुट है। उन्होंने कहा कि किसानों का यह आंदोलन पंजाब की आर्थिकता और भविष्य के साथ भी जुड़ा है। इस मौके परमजीत सिंह मंड, जसवीर सिंह खंडूर, परमजीत सिंह टाडा, रणबीर सिंह, अवतार सिंह, गुरदीप सिंह भी मौजूद थे।