प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर का नाम लेकर सिद्धू ने किया ये Tweet, खोला सीधा मोर्चा

Edited By Vatika,Updated: 24 Apr, 2021 02:37 PM

sidhu tweet against parkash sukhbir badal

बेअदबी मामले पर पंजाब सरकार के खिलाफ लगातार तीखे हमले कर रहे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया पर फिर अपनी बात रखते हुए सवाल उठाए हैं

चंडीगढ़: बेअदबी मामले पर पंजाब सरकार के खिलाफ लगातार तीखे हमले कर रहे पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल मीडिया पर फिर अपनी बात रखते हुए सवाल उठाए हैं। सिद्धू ने कहा कि अगर चार्जशीट में प्रकाश सिंह और सुखबीर बादल के नाम आने से 2 साल बाद भी उनके  खिलाफ चालान पेश नहीं हुआ और न ही उनका नाम एफ. आई. आर में पाया गया तो हमें इंसाफ़ कैसे मिलेगा? इन दोनों के खिलाफ सबूत अदालत के सामने क्यों पेश नहीं किए गए? पंजाब के सबसे अहम इस केस को ठंडे बस्ते में डालने और रास्ते से उतारने के लिए कौन ज़िम्मेदार है?

 

सोशल मीडिया पर लगातार हमलावर हैं सिद्धू
बेअदबी गोलीकांड पर हाईकोर्ट के फैसले पर एस.आई. टी. रद्द होने के बाद नवजोत सिद्धू लगातार पंजाब सरकार पर निशाने साधे रहे हैं। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर सिद्धू ने कहा था कि क्या गृह मंत्री के लिए बेअदबी केस सबसे अहम नहीं था? गौरतलब है कि पंजाब में गृह विभाग का जिम्मा भी कैप्टन अमरेंद्र ही संभालते है। उनके ट्वीट से जाहिर है कि कैप्टन अमरेंद्र से सुलह-सफाई के रास्ते बंद हो गए है।

 

‘सिद्धू बेवजह कुछ नहीं कहते’
वैसे सिद्धू बेवजह कुछ नहीं कहते या करते। मुख्यमंत्री से मुलाकात के 15 दिन बाद जिस तरह पटियाला पहुंचे थे, उससे यही लगता है कि राजनीतिक भविष्य संबंधी 15 दिन का अल्टीमेटम दिया होगा। पहले भी 2019 में 10 जून को राहुल गांधी को त्यागपत्र सौंपा था तब हाईकमान ने मसला सुलझाने के लिए महीने भर का वक्त मांगा था। लेकिन, अमरेंद्र ने हाथ-पल्ला नहीं पकड़ाया तो 14 जुलाई को सिद्धू ने ट्विटर पर इस्तीफा डाल दिया। तब तक किसी को भी उनके इस्तीफे की भनक नहीं लगी थी।अब माना जा रहा है कि बीते लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद से शुरू हुआ यह टकराव अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की कारगुजारी पर भी असर डाल सकता है, यदि समय रहते इसे संभाला न गया। पंजाब कांग्रेस में कैप्टन के बिना पत्ता नहीं हिलता और सिद्धू के लिए पार्टी में माहौल अनुकूल नहीं रहा है। ऐसे में वह किस दल में जाएंगे, इसे लेकर चर्चाएं गर्म हैं। सिद्धू घाघ खिलाड़ी की तरह अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। अमरेंद्र के साथ 36 का आंकड़ा रखते सिद्धू के लिए पार्टी में बने रहना मुश्किल होता जा रहा है। कुछ पार्टी नेताओं का भी मानना है कि इसी वजह से वह सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर अपने समर्थकों में पैठ बढ़ाने के साथ ही कांग्रेस छोडऩे की जमीन तैयार कर रहे हैं। 


 

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