Edited By Vatika,Updated: 19 Nov, 2024 10:42 AM
प्रदूषण के इस स्तर ने बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है, जिससे अभिभावक चिंतित हैं।
लुधियाना (विक्की) : शहर में जैसे जैसे सर्दी जोर पकड़ रही है वैसे वैसे ‘फॉग और स्मॉग’ का कहर भी बढ़ रहा है। बढ़ते वायु प्रदूषण और घने कोहरे ने न केवल आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि स्कूल जाने वाले बच्चों की सेहत पर भी गंभीर असर डाला है। एयर क्वालिटी इंडैक्स (ए.क्यू.आई.) 300 के करीब पहुंच गया है, जो 'बेहद खराब' श्रेणी में आता है। इसके चलते बच्चों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के इस स्तर ने बच्चों के स्वास्थ्य पर गहरा असर डाला है, जिससे अभिभावक चिंतित हैं।
स्कूल आने-जाने में हो रही परेशानी
धुंध के चलते सुबह के समय विजिबिलिटी कम हो गई है, जिससे स्कूल आने-जाने में बच्चों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। कई स्कूल बसें और निजी वाहन देरी से चल रहे हैं, जिससे बच्चों को ठंड में लंबे समय तक इंतजार करना पड़ रहा है। कई अभिभावक इस स्थिति को लेकर बेहद चिंतित हैं। स्थानीय एक निवासी संदीप सिंह ने कहा, "मेरे बच्चे को स्कूल जाने में बहुत मुश्किल हो रही है। सांस लेने में समस्या बढ़ती जा रही है। हमें डर है कि कहीं प्रदूषित हवा उसके स्वास्थ्य पर बुरा असर न डाल दे।"
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ए.क्यू.आई. के 300 के पार जाने का मतलब है कि हवा में प्रदूषक कणों का स्तर इतना ज्यादा है कि इससे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। शहर के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ हिमांशु ने कहा, "बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और प्रदूषित हवा उनके फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। सभी अभिभावकों को सलाह दे रहे हैं कि वे बच्चों को जितना हो सके, घर के अंदर रखें, खासकर सुबह के समय।"
क्या बदलेगा स्कूलों का समय?
वर्तमान स्थिति को देखते हुए कई अभिभावकों और शिक्षकों ने प्रशासन से मांग की है कि स्कूल के समय में बदलाव किया जाए। एक स्कूल प्रिंसीपल ने कहा, "बच्चों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। सुबह के समय धुंध ज्यादा घनी होती है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द ही स्कूल समय को बदलने का फैसला लेगा ताकि बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।"
प्रशासन की प्रतिक्रिया
वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्कूल समय में बदलाव को लेकर उच्च अधिकारी ही कोई फैसला ले सकते हैं। उन्होंने सभी स्कूलों से प्राप्त सुरक्षा प्रबंध करने और बच्चों की सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखने का आग्रह भी किया।
बच्चों की सुरक्षा के लिए सुझाव
- सुबह के समय बच्चों को घर से बाहर न भेजें।
- स्कूल जाने से पहले बच्चों को मास्क पहनाएं।
- घर में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- बच्चों की डाइट में विटामिन सी और अन्य इम्यून बूस्टर्स शामिल करें।