Edited By Kalash,Updated: 16 Jun, 2025 12:30 PM

परेशानी का कारण बनता जा रहा है।
तलवंडी भाई (पाल): किसी समय खेती के धंधे को सबसे अच्छा माना जाया था पर आज ये धंधा फायदेमंद नहीं रहा और किसानों की मुश्किलें दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। देश के अन्न भंडार में 70 प्रतिशत योगदान देने वाले किसान कर्ज में बुरी तरह फंसते जा रहे हैं। पंजाब के किसानों के लिए इस बार पानी का संकट गंभीर दौर में शामिल हो गया है और किसान की परेशानी का कारण बनता जा रहा है। पंजाब के अधिकांश इलाकों में किसानों के साथ-साथ घरेलू कामों में इस्तेमाल होने वाले पानी के लिए भी लोगों में हाहाकार मचा हुआ है। गर्मियों में जमीन से पानी निकालने के विभिन्न साधन ट्यूबवेल, पाइप, सिंगल फेस मोटर समेत अन्य साधन जल स्तर कम होने के कारण पानी निकालने में असमर्थ हो गए हैं।
दिन-ब-दिन गहरे होते जा रहे पानी के स्तर के कारण खेतों में लगभग सबसे गहरे कुओं में लगी मोटरें भी पानी निकालने से जवाब दे गई हैं। इसका बदल सिर्फ गहरे बोर और बड़ी मछली मोटरें रह गई हैं। इस पर करीब 3-4 लाख रुपए खर्च आता है जबकि छोटे किसानों की हालत इतना खर्च करने की नहीं है। पंजाब के किसान पहले ही आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके हैं। उन्हें सरकार या किसी अन्य एजेंसी से कोई मदद नहीं मिल रही है। आज 400 से 1000 फीट गहरे बोर किए जा रहे हैं, जिन पर हजारों नहीं बल्कि लाखों रुपए खर्च होते हैं।
इसके बाद बिजली का लोड बढ़ाने पर करीब 40 से 50 हजार रुपए खर्च होते हैं, जिसे चुकाने के लिए किसान अपनी जमीनें बेचने और कर्ज लेने को मजबूर हैं। मिली जानकारी के अनुसार, नए बोर करने वालों के पास आज इतना काम है कि वे इसे कई महीनों में भी पूरा नहीं कर सकते। जब कोई किसान बोर को गहरा करता है और मच्छी मोटर चला लेता है, तो उसके बगल वाले किसान की मोटर पानी उठाना बंद कर देती है और उसे भी मच्छी मोटर गहरी करनी पड़ती है।
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