Edited By Urmila,Updated: 05 Nov, 2024 10:57 AM
स्थानीय तहसील कॉम्पलैक्स में जहां विजिलैंस विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहा है, वहीं आज कॉम्पलैक्स में एक नया मामला सामने आया है।
तपा मंडी: स्थानीय तहसील कॉम्पलैक्स में जहां विजिलैंस विभाग भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता अभियान चला रहा है, वहीं आज कॉम्पलैक्स में एक नया मामला सामने आया है, जहां विजिलैंस विभाग की नजर के बिना ही रजिस्ट्री क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटर सभी वकीलों, आर.जी. नवीश, टाइपिस्टों की ओर से रिश्वत मांगने की मांग की गई, जिसके लिए उन्होंने बार एसोसिएशन बरनाला के प्रधान जसविंदर सिंह ढींढसा और सचिव सुमंत गोयल के नेतृत्व में बैठक की और डिप्टी कमिश्नर बरनाला से मुलाकात की। रजिस्ट्री क्लर्क एवं कम्प्यूटर ऑपरेटर द्वारा रिश्वत मांगने पर लिखित मांग पत्र प्रस्तुत कर कार्रवाई किए जाने की जानकारी दी गई।
इस संबंध में अश्वनी कुमार मुंदरी, अमित कुमार ढींगरा, ममता गर्ग, राजविंदर सिंह राजू, हरिंदर कुमार, राजिंदर गोयल, राकेश कुमार, जिंदर पाल बावा, नवीन कुमार, अश्वनी कुमार, गगन गर्ग, चेंचल कुमार, राजिंदर कुमार आदि वकील, आर.जी. नवीस और टाइपिस्टों का कहना है कि रजिस्ट्री क्लर्क ने उनके एक अधिकारी को 29 अक्तूबर को छुट्टी के दिन एक मीटिंग में शामिल होने के लिए बुलाया था, लेकिन बिरादरी का लिहाज करते हुए वह मीटिंग में शामिल हो गए।
लेकिन रजिस्ट्री क्लर्क ने डीड प्रस्तुत करने के संबंध में निर्देश जारी किए कि डीड के साथ संलग्न दस्तावेजों के अलावा गिरदावरी नक्शा और फोटो भी संलग्न किए जाएं जो पहले भी संलग्न हैं और प्रत्येक बे डीड के लिए 500 रुपये, बैंक बंधक के लिए 300 रुपये और एन. ईसी के लिए 200 रुपए की रिश्वत मांगी गई।
उन्होंने बताया कि जब उन्होंने मना कर दिया तो उन्होंने उन्हें धमकी दी कि अगर तुम पैसे नहीं दोगे तो वह उनसे कानूनी फीस भी नहीं लेगा और यह भी धमकी दी कि उसके पास जमा की गई रजिस्ट्री में कुछ बाधा डालकर आपके मुवक्किल को भी नुकसान पहुंचाऊंगा। शुल्क के संबंध में ग्राहक का मार्गदर्शन करें। आप चाहें तो रिश्वतखोरी के मामले में किसी भी पत्रकार के पास जा सकते हैं और खबर ले सकते हैं और फिर भी अगर आप कुछ नहीं बिगाड़ सकते तो उसके खिलाफ डिप्टी कमिश्नर के पास भी जा सकते हैं क्योंकि वह ऐसा कर सकते थे।
इसी प्रकार कम्प्यूटर ऑपरेटर 200 रुपए से लेकर 500 रुपए तक वसूलता है, भुगतान न करने की स्थिति में नैट बंद कर देता है तथा कभी-कभी कहता है कि कम्प्यूटर खराब हो गया है तथा कहता है कि कम्प्यूटर आपके द्वारा दी गई फीस नहीं ले रहा है तथा कम्प्यूटर आठवां चार्ज नहीं वसूल रहे, खैर रुपये देने से सब ठीक हो जाएगा। ये दोनों कर्मचारी करीब 11 बजे कार्यालय आते हैं और प्रमाण पत्र देने का समय नहीं है। उन्होंने मांग की है कि रिश्वत मांगकर अपना भ्रष्टाचार साबित करने वाले उक्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
उन्होंने प्रशासन को यह भी चेतावनी दी कि जब तक उक्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक वकीलों, आरजी नवीस, टाइपिस्ट और अस्ताम फरोस के एक समूह की हड़ताल के कारण काम अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया जाएगा। डीसी बरनाला का कहना है कि उक्त कर्मचारियों के खिलाफ जांच के लिए एडीसी बरनाला की ड्यूटी लगाए जाने के बाद वकीलों के एक शिष्टमंडल ने एसडीएम तपा ऋषव बांसल को मिलकर मामले की जानकारी दी और कार्रवाई की मांग की, बगल में बैठे तहसीलदार ने यहां तक कहा कि रजिस्ट्री क्लर्क ने डीसी से भी शिकायत की है।
उक्त मामले को लेकर जब उन्होने रजिस्ट्री क्लर्क वीनू गोपाल और कंप्यूटर ऑपरेटर गुरलाल सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि उन पर लगाए जा रहे रिश्वत के आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं और रजिस्ट्री क्लर्क ने कहा कि रजिस्ट्री लिखने के लिए मीटिंग रखी गई थी। सही है और यदि कोई रजिस्ट्री 10 लाख रुपये से अधिक की है तो पैन कार्ड की फोटोकॉपी संलग्न करनी होगी। जब डीएसपी विजिलेंस बरनाला ने लवप्रीत सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि अगर इस मामले को लेकर कोई लिखित शिकायत आएगी तो उसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी. भ्रष्टाचार करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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