Edited By Kalash,Updated: 22 Apr, 2025 11:29 AM

पंजाब सरकार द्वारा तहसीलदारों और नायब तहीसदारों के जारी किए आदेश में तहसीलदारों की बजाय नायब तहसीलदारों के हाथों में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का काम सौंपा है।
जालंधर (चोपड़ा): पंजाब सरकार ने राज्य भर में 56 तहसीलदारों और 166 नायब तहसीलदारों के तबादले करने के आदेश जारी करने के दौरान जालंधर जिला को 2 नए तहसीलदार दिए है। जबकि जिला में 14 नए नायब तहसीलदार नियुक्त किए है। हालांकि इन आदेशों में सरकार ने रजिस्ट्रेशन की पावर नायब तहसीलदारों के हाथों सौपने की बजाय रजिस्ट्रेशन के लिए नायब तहसीलदारों को ही अधिकृत किया है जबकि जालंधर जिला में जगसीर सिंह मित्तल को तहसीलदार जालंधर-1 और प्रवीण कुमार सिंगला को तहसीलदार जालंधर -2 का कार्यभार सौंपा है।
नायब तहसीलदारों के आदेशों में बलजोत सिंह नायब तहसीलदार -1, दमनबीर सिंह को ज्वाइंट नायब सब रजिस्टार -1 जालंधर-1, गुरमन गोल्डी को ज्वाइंट सब रजिस्टार-2 जालंधर -1, गुरसिमरनजीत सिंह को नायब तहसीलदार जालधर-2, जगतार सिंह को ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार -1 जालंधर -2, रवनीत कौर को ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार-2 जालंधर-2, अशोक कुमार को नायब तहसीलदार नकोदर, गुरदीप सिंह को नायब तहसीलदार फिल्लौर, हरिंदरजीत सिंह को नायब तहसीलदार आदमपुर, जसपाल सिंह को नायब तहसीलदार शाहकोट', जसविंदर सिंह को नायब तहसीलदार नूरमहल, मंदीप सिंह को नायब तहसीलदार गोराया, सुलोचना देवी को नायब तहसीलदार भोगपुर, विपन कुमार को नायब तहसीलदार करतारपुर का प्रभार सौंपा है।
2018 से पहले की तर्ज बड़े जिलों रजिस्ट्रेशन का काम 2 अधिकारियों के हाथों सौंपा
पंजाब सरकार द्वारा तहसीलदारों और नायब तहीसदारों के जारी किए आदेश में तहसीलदारों की बजाय नायब तहसीलदारों के हाथों में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन का काम सौंपा है। इतना ही नही जालंधर व अन्य बड़े जिलों में वर्ष 2018 से पहले की तर्ज पर 2 -2 अधिकारियों के हाथों रजिस्ट्रेशन का काम दिया है। अब जालंधर के सब रजिस्ट्रार जालंधर-1 और सब रजिस्ट्रार जालंधर -2 के कार्यालयों में 2-2 ज्वाइंट नायब तहसीलदार एक साथ काम करेंगे। हालांकि 2018 से पहले हरेक जिला की तहसील में एक तहसीलदार और उसके साथ 1 नायब तहसीलदार लगाया जाता था। परंतु तहसीलदारों की ड्यूटी अन्य कई विभागीय कार्यों को निपटाने की भी होती थी जिस कारण रजिस्ट्रेशन का काम खासा प्रभावित होता था, उसको लेकर उस समय सरकार ने बड़े जिलों की तहसीलों के लिए सब रजिस्ट्रार की पोस्ट क्रिएट करके रजिस्ट्रेशन का काम सब रजिस्ट्रार के हवाले कर दिया था और आदेश जारी किए थे कि सब रजिस्ट्रार केवल रजिस्ट्रेशन का काम ही देखेंगे अन्य विभागीय काम तहसीलदार ही किया करेंगे।
सरकार ने चाहें रजिस्ट्रेशन का काम ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार के हवाले करने का फैसला किया है, परंतु एक बड़ी तहसील में 2-2 ज्वाईंट सब रजिस्ट्रार नियुक्त करके सरकार की मंशा भ्रष्टाचार को नकेल कसने की कवायद का ही एक हिस्सा मानी जा रही है। वहीं, सरकार ने रजिस्ट्रेशन का काम निपटाने को लेकर अधिकतर उन्हीं नायब तहसीलदारों पर विश्वास जताया है जो कि या तो पूरी तरह से फ्रेशर है और या फिर वह बतौर कानूनगो पेपर देकर नायब तहसीलदार प्रमोट हुए है। दोनों मामलों में हरेक नए नायब तहसीलदार को डेढ़ वर्ष की ट्रेनिंग पीरियड़ क्लीयर करना पड़ा है।
डिप्टी कमिश्नर दोनों ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार की ड्यूटी कर सकते है निर्धारित
एक कार्यालय में 2-2 ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार की तैनाती के बाद अब बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि एक कार्यालय में भला 2-2 ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार एक साथ कैसे बैठेंगे और दोनों कैसे एक ही रजिस्ट्री दस्तावेज को साइन किया करेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि जैसे वर्ष 2018 से पहले तैनात तहसीलदार और नायब तहसीलदार के हाथों 1-1 सप्ताह का काम बां दिया जाता था उसी ढंग से अब डिप्टी कमिश्नर फैसला ले सकते हैं कि दोनों ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार को 1-1 सप्ताह की ड्यूटी करने को दी जाए अन्यथा कोई और नई व्यवस्था बन जाए इसका पता तो आने वाले दिनों में ही लग पाएगा।
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