Real Estate Sector पर एक और मार, 401 से बढ़ाकर 692 रुपए प्रति गज किया रेट

Edited By Vatika,Updated: 23 Dec, 2025 10:16 AM

real estate sector

कभी गलत सरकारी नीतियां तो कभी कुलैक्टर रेटों में बेतहाशा बढ़ौतरी के चलते

अमृतसर(नीरज): कभी गलत सरकारी नीतियां तो कभी कुलैक्टर रेटों में बेतहाशा बढ़ौतरी के चलते पहले ही पतन की कगार पर खड़े रीयल इस्टेट सैक्टर पर सरकार की एक और मार पड़ी है।  जानकारी के अनुसार लंबे समय से आम जनता व प्रापर्टी कारोबारी रजिस्ट्रियों पर एन.ओ.सी. की शर्त खत्म करने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने एन.ओ.सी. की शर्त खत्म करने के बजाय चुपके से एन.ओ.सी. के रेटों में बढ़ौत्तरी कर दी है। रिहायशी एन.ओ.सी. जो प्रति गज 401 रुपए फीस वसूली जाती थी, अब इसके रेट प्रति गज 692 रुपए कर दिए गए हैं, जबकि कमर्शियल एन.ओ.सी. के रेट 2765 से बढ़ाकर 3700 रुपया कर दिए गए हैं, जिससे आम जनता को भारी भरकम राशि खर्च करके एन.ओ.सी. लेनी होगी। जानकारी के अनुसार पहले गज के मकान की एन.ओ.सी. लेने के लिए 101000 रुपए खर्च करने पड़ते थे, लेकिन नए रेटों के अनुसार 1,30,500 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। इतना ही नहीं जिन लोगों ने दो महीने पहले भी एन.ओ.सी. के लिए आवेदन दिया हुआ था, उनसे भी 401 रुपए के बजाय 692 रुपए प्रति गज के हिसाब से फीस को वसूल किया है।

प्रदर्शन कर लंबे समय से एन.ओ.सी. खत्म का इंतजार कर रही थी जनता
जमीन की रजिस्ट्रियों में एन.ओ.सी. की शर्त को खत्म करवाने के लिए प्रापर्टी डीलरों और कोलोनाइजरों की तरफ से काफी लंबा संघर्ष किया गया और तहसीलों, रजिस्ट्री दफ्तरों व डीसी दफ्तर पर धरने प्रदर्शन किए गए, लेकिन अस्थायी तौर पर कुछ समय के लिए एन.ओ.सी. की शर्त खत्म की गई इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया, जिससे आम जनता फिर आर्थिक शोषण का शिकार बन रही है, जबकि जनता का इसमें कोई कसूर नहीं है।

कब-कब व कितने समय के लिए मिली एन.ओ.सी. से राहत
-कोलोनाइजरों व प्रापर्टी कारोबारियों की तरफ से लंबे समय तक किए गए संघर्ष के बाद 31 जुलाई 2024 को नोटिफिकेशन जारी किया गया।
-दूसरी बार 1 दिसम्बर 2024 से 28 फरवरी 2025 तक एन.ओ.सी. से छूट दी गई।
-तीसरी बार 1 मार्च 2025 से 31 अगस्त 2025 तक एनओसी से छूट दी गई। जनता इंतजार कर रही थी कि 31 अगस्त के बाद स्थायी तौर पर एन.ओ.सी. से छूट दे दी जाएगी, लेकिन इससे उल्ट परिणाम निकले जिससे हर व्यक्ति प्रभावित हुआ है। प्रापर्टी कारोबारियों की मांग थी कि एन.ओ.सी. की शर्त को बिल्कुल खत्म कर दिया जाए या फिर एन.ओ.सी. के रेट इतने कम कर दिए जाएं, जिससे लोगों को एन.ओ.सी. खरीदते समय कोई ज्यादा रकम न खर्च करनी पड़े।

अब तक पकड़ी जा चुकी हैं सैकड़ों की संख्या में जाली एन.ओ.सी.
एन.ओ.सी. की शर्त पर नजर डालें तो जब जब सरकार की तरफ से एन.ओ.सी. की शर्त लागू की गई और एन.ओ.सी. के रेट बढ़ाए गए तो जाली एन.ओ.सी. की घप्पलेबाजी सामने आई। आप सरकार के पहले वर्ष के कार्यकाल दौरान तत्कालीन सब-रजिस्ट्रार अमृतसर वन नवकीरत सिंह रंधावा, सब-रजिस्ट्रार टू जसकरण सिंह, सब-रजिस्ट्रार थ्री बीरकरण सिंह ढिल्लों की तरफ से सैकड़ों की संख्या में जाली एन.ओ.सी. पकड़ी गई और पुलिस को एफ.आई.आर. दर्ज करने के लिए भी लिखा गया लेकिन कोई असर नहीं पड़ा उल्टा जाली एन.ओ.सी. बनाने वाला गैंग मासूम लोगों को ठगी का शिकार बनाता रहा है।

अब कहां हैं मुख्यमंत्री जनता के सामने आएं : नरेश शर्मा
द अमृतसर डीड राइटर्स एसोसिएशन के जिला प्रधान नरेश शर्मा ने कहा कि आप सरकार की तरफ से जिस समय कुछ समय के लिए एन.ओ.सी. की शर्त से राहत दी गई तो खुद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने जनता के सामने आकर एन.ओ.सी. को खत्म करने का ऐलान किया था लेकिन अब मुख्यमंत्री कहां हैं और जनता के सामने क्यों नहीं आते हैं। उन्होंने कहा कि प्रापर्टी का कारोबार एक ऐसा कारोबार है, जिसके साथ दो दर्जन के लगभग अन्य कारोबारी भी जुड़े हुए हैं और रोजगार पाते हैं। एक मकान बनना शुरू होता है तो इससे राज मिस्त्री, लेबर, प्लंबर, मिटटी, रेत बजरी, ईटें, बिजली का सामान बेचने वाले कारोबारी, प्लंबर, सैनेटरी सामान बेचने वाले कारोबारी, लौहार, कारपेंटर व दर्जनों अन्य कारोबारी रोजगार पाते हैं लेकिन सरकार प्रापर्टी कारोबार को खत्म करने पर तुली हुई है।

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