Edited By Urmila,Updated: 30 Dec, 2025 02:18 PM

केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा स्कीम में किए गए बदलावों के खिलाफ आज पंजाब विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है।
चंडीगढ़ : केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा स्कीम में किए गए बदलावों के खिलाफ आज पंजाब विधानसभा का स्पेशल सेशन बुलाया गया है। इस बीच, सेशन से पहले कांग्रेस विधायक परगट सिंह के बयान पर माहौल काफी गरमा गया। पंजाब के कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद ने मनरेगा खत्म करने के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने के बाद कहा कि सीनियर कांग्रेस लीडर परगट सिंह ने सेशन से पहले बयान दिया कि इस सेशन में सिर्फ लोगों का पैसा बर्बाद होगा, उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए। सौंद ने यह भी कहा कि कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि वह इस मुद्दे पर उनके साथ है या उनके खिलाफ। इसके बाद सदन का माहौल काफी गरमा गया और दोनों पार्टियों के नेता आपस में बहस करने लगे। हालांकि, विधानसभा स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने माहौल शांत किया और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई।
इस पर जवाब देते हुए परगट सिंह ने साफ किया कि वे आखिरकार इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि उन्हें सिर्फ स्पेशल सेशन बुलाने की जरूरत नहीं है, बल्कि रेगुलर सेशन भी बुलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि इन सेशनों में जीरो काल पर प्रश्न काल नहीं होता जिससे लोगों के मुद्दों पर खुलकर बात नहीं हो पाती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मनरेगा खत्म करने जा रही है। नए सिस्टम के मुताबिक, राज्यों को 30 से 50 करोड़ रुपये देने होंगे और कई राज्य अभी उस स्थिति में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि पहले मनरेगा में 100 दिन के रोजगार की स्कीम थी, लेकिन पिछले तीन साल में पंजाब में मनरेगा के तहत सिर्फ 38 दिन का रोजगार दिया गया।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा पंजाब के साथ कई तरह का भेदभाव किया गया है। जैसे, इसके तहत पंजाब में रोजाना की मजदूरी 346 रुपये है, जबकि हरियाणा में 400 रुपये है। परगट सिंह ने यह भी कहा कि विधानसभा में मनरेगा के खिलाफ प्रस्ताव पास करने के साथ-साथ हमें दिल्ली की ओर भी रुख करना चाहिए और 117 विधायक और सभी सांसद मैंबर को एक साथ आकर दिल्ली में धरना देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कानूनी लड़ाई भी लड़नी चाहिए।
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