Edited By Subhash Kapoor,Updated: 14 Dec, 2025 06:48 PM

उत्तरी भारत में दिन-ब-दिन बढ़ रही ठंड ने सीमावर्ती क्षेत्र में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और आज इलाके में ठंड के साथ-साथ घने कोहरे ने भी अपना असर दिखाया, जिससे आम ज़िंदगी पर काफी असर पड़ा और जिंदगी की रफतार थमी-थमी प्रतीत हुई।
जलालाबाद (मिक्की)- उत्तरी भारत में दिन-ब-दिन बढ़ रही ठंड ने सीमावर्ती क्षेत्र में भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है और आज इलाके में ठंड के साथ-साथ घने कोहरे ने भी अपना असर दिखाया, जिससे आम ज़िंदगी पर काफी असर पड़ा और जिंदगी की रफतार थमी-थमी प्रतीत हुई।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से इलाके में लगातार ठंड पड़ रही है। हालांकि आसमान में धूप निकलने से लोगों को कड़ाके की ठंड से कुछ राहत मिलती रही है। लेकिन आज सुबह इलाके में आसमान पर छाई घने कोहरे की सफेद चादर ने दोपहर तक सूर्य को ढके रखा। वहीं, घने कोहरे की वजह से आम ज़िंदगी पर काफी असर पड़ा और वाहन चालक वाले अपनी गाड़ियों की लाइट जलाकर धीमी रफ़्तार से अपनी मंज़िल की ओर बढ़ते दिखे। आज के घने कोहरे ने ज़िंदगी की रफ़्तार धीमी कर दी और लोगों को घर से बाहर निकलने से पहले कई बार सोचने के लिए मजबूर कर दिया। जहां कुछ लोगों को कोहरे की वजह से अपने काम टालने पड़े तथा कुछ लोगों का ज़रूरी सफ़र का विचार भी बदलना पड़ा। जो लोग घरों से बाहर निकले, वह भी गाड़ियों में सफ़र करते समय प्रमात्मा को याद करते ही दिखाई दिए। हालांकि, दोपहर में सूरज निकलने से लोगों को कोहरे से राहत मिली और लोगों को घरों से बाहर निकलने का मौका मिला जिससे दोपहर बाद शहर के बाजारों में कुछ चहल-पहल देखी गई।
स्थानीय फिरोजपुर-फाजिल्का मुख्य मार्ग पर यात्रियों को लाने-ले जाने का जिम्मा संभालने वाली रोडवेज बसों में भी आज सुबह आम दिनों के मुकाबले यात्रियों की संख्या कम देखी गई। गौरतलब है कि एफ.एफ रोड पर चलने वाली रोडवेज बसें अक्सर यात्रियों से खचाखच भरी रहती हैं। लेकिन आज कोहरे के कारण आम दिनों के मुकाबले ज्यादातर लोगों ने बसों में सफर करना पसंद नहीं किया। इसका मुख्य कारण कोहरा और ठंड तो है ही, लेकिन दूसरा कारण रविवार को छुट्टी का दिन और जिला परिषद, ब्लॉक समिति के चुनाव भी माने जा रहे हैं। इसका कारण जो भी हो, यात्रियों की भीड़ से तंग आ चुके ड्राइवरों और कंडक्टरों को आज यात्रियों की भारी भीड़ से कुछ राहत जरूर मिली है। लेकिन इसके बावजूद कोहरे में बस चलाना और यात्रियों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाना बस ड्राइवरों के लिए एक बड़ी चुनौती है और बस ड्राइवर और कंडक्टर इस ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाते भी हैं।