Edited By VANSH Sharma,Updated: 30 Jul, 2025 11:09 PM

जिला गुरदासपुर के सरहदी गांव शमशेरपुर के रहने वाले हवलदार दलजीत सिंह देश के लिए अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए। शहीद जवान जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की सीमा लद्दाख में तैनात थे।
दीनानगर (हरजिंदर सिंह गोराया): जिला गुरदासपुर के सरहदी गांव शमशेरपुर के रहने वाले हवलदार दलजीत सिंह देश के लिए अपनी ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए। शहीद जवान जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना की सीमा लद्दाख में तैनात थे। बुधवार सुबह लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मनकोटिया के साथ हवलदार दलजीत सिंह एक वाहन में फायरिंग रेंज की ओर जा रहे थे। इस दौरान उनका वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गया और पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे दोनों सैनिकों की मौके पर ही मौत हो गई।
जैसे ही बुधवार को शहादत की खबर हवलदार दलजीत सिंह के परिवार को मिली, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। उनके पिता गुलजार सिंह और मां गुरजीत कौर गहरे सदमे में हैं। हवलदार दलजीत सिंह अपने दो भाइयों और दो बहनों में सबसे छोटे थे। उन्होंने केवल सात साल पहले ही भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा शुरू की थी।
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के जनरल सचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने जानकारी देते हुए बताया कि हवलदार दलजीत सिंह का पार्थिव शरीर लद्दाख से वायुसेना के विमान द्वारा पठानकोट लाया जाएगा। इसके बाद उनकी देह को सैन्य वाहन के जरिए उनके पैतृक गांव शमशेरपुर लाया जाएगा, जहां वीरवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। देश की मिट्टी के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले हवलदार दलजीत सिंह की यह बलिदानी गाथा हमेशा याद रखी जाएगी।
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