Edited By Vatika,Updated: 08 Jan, 2025 01:56 PM
यह पाठ्यक्रम इस नीति का हिस्सा होगा।
चंडीगढ़: राज्य के स्कूली छात्रों के लिए अहम खबर है। क्योंकि नए शैक्षणिक सत्र (2025-26) में स्कूली छात्रों के लिए नशे से दूर रहने का पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा। नशे के दुष्परिणामों के साथ-साथ नशे से दूर रहना, नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए क्या करना चाहिए, यह सारी जानकारी इस पाठ में शामिल होगी। सूत्रों के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार करने का काम शुरू हो गया है। दरअसल, राज्य सरकार नशे पर लगाम लगाने के लिए नई नीति बनाने जा रही है। यह पाठ्यक्रम इस नीति का हिस्सा होगा। नई नीति अगले 2-3 महीने में लागू हो सकती है।
राज्य सरकार द्वारा नशामुक्ति एवं पुनर्वास कार्यक्रम की निगरानी के लिए एक तालमेल कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव के. ए.पी. सिन्हा करेंगे। मुख्य सचिव राहुल तिवारी को इसका नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। समिति का केन्द्र बिन्दु नाबालिग होंगे। स्कूल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे। ये प्रशिक्षक बच्चों को नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी देंगे। इस मुहिम में पंजाब पुलिस की कम्युनिटी विंग भी सहयोग करेगी।
वहीं नशा करने वाली महिलाओं को मुख्य धारा में वापिस लाने के लिए भी योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत लुधियाना में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जाएगा। इससे पहले राज्य में 300 से ज्यादा नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं। इन नशा मुक्ति केंद्रों में नाबालिग से लेकर 18 से 25 साल तक के युवा इलाज के लिए आ रहे हैं, जिसकों लेकर पंजाब में नई नीति तैयार की जा रही है।