Edited By Vatika,Updated: 11 Jul, 2024 11:33 AM

रिपोर्ट कार्ड जो स्कूल में किसी भी विधार्थी की एकैडमिक परर्फोमेंस को दर्शाता है लेकिन बदलते शिक्षा पैट्रन के बीच अब
लुधियाना (विक्की) : रिपोर्ट कार्ड जो स्कूल में किसी भी विधार्थी की एकैडमिक परर्फोमेंस को दर्शाता है लेकिन बदलते शिक्षा पैट्रन के बीच अब स्कूलों में सिर्फ नंबर और ग्रेड के आधार पर रिपोर्ट कार्ड तैयार नहीं किए जाएंगे क्योंकि न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने में जुटे स्कूल अब स्टूडैंटस की कक्षाओं के रिपोर्ट कार्ड का पैटर्न भी बदलने की योजना तैयार कर रहे हैं। हालांकि कई स्कूलों ने तो पुराने पैट्रन को बदलकर नए को अपना भी लिया है।
कई स्कूलों में 9वीं कक्षा हो या 12वीं रिपोर्ट कार्ड अब नए पैटर्न से तैयार किया जाएंगे। जानकारी के मुताबिक नैशनल काऊंसिल फॉर एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एन.सी.ई.आर.टी.) की द्वारा नया हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड 9वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के लिए जारी किया गया है। बदलाव के तहत अब रिपोर्ट कार्ड में स्टूडैंट, टीचर्स, पेरैंट्स और साथ पढ़ाई करने वाले बच्चों के फीडबैक भी शामिल किया जाएंगे। हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का फोकस अब नंबरों वाले रिजल्ट से ज्यादा सीखने पर होगा। नैशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन की सलाह पर यह नए प्लास्टिक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जा रहा है। इस कॉन्सैप्ट के तहत स्टूडैंट्स अब रिपोर्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया का हिस्सा भी बन सकेंगे। हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का खास बात यह है कि फोकस इस बात पर रहेगा कि पूरे साल में बच्चों ने आखिर क्या और कितना सीखा। केंद्र सरकार की योजना है कि हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड एक ऐसा अप्रोच है, जिससे सिर्फ नंबरों के आधार पर ही नहीं बल्कि बच्चों की स्किल्स और क्षमता भी देखी जाएगी। सभी स्किल्स की जांच एक्टिविटी बेस्ड टैस्ट के द्वारा की जाएगी। हर स्टूडैंट को एक्टिविटी के बाद मार्क्स दिए जाएंगे।
कैसे तैयार होगा हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड?
हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड इस तरह से तैयार किया जाएगा, जिसमें बच्चे खुद को इवेलुएट कर सकें। टाइम मैनेजमैंट, प्लांस आफ्टर स्कूल (जिसमें बच्चे यह बताएंगे कि स्कूल खत्म होने के बाद, वह अगला स्टेप क्या लेने वाले हैं) जैसे पैरामीटर्स पर हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही बच्चों को उनके पेरैंट्स, टीचर्स और साथ पढ़ने वाले बच्चों के साथ भी डिस्कशन करना होगा। साथ ही एक सैक्शन भी कंप्लीट करना होगा, जिसमें वह अपनी एबिलिटी के बारे में भी बताएंगे। इसके साथ ही स्टूडैंट्स को चुनौतियों और सुधार पर भी गौर फरमाना होगा। ग्रुप प्रोजैक्ट कार्यों में टीचर एसेस्मैंट, स्टूडैंट का खुद का फीडबैक और साथ पढ़ रहे बच्चों का फीडबैक भी दर्ज किया जाएगा। हॉलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड का मेन फोकस रहेगा कि बच्चों को नॉलेज के साथ-साथ जरूरी स्किल्स भी सिखाई जाएं। यह सब प्रोजैक्ट्स, खुद की रिसर्च और क्लास की इन्नोवेटिव एक्टिविटीज के द्वारा किया जा सकता है।