भारी घाटे में डूबी पंजाब रोडवेज अब कंडम बसों को करेगी अपने बेड़े में शामिल

Edited By swetha,Updated: 20 Jul, 2019 08:53 AM

punjab roadways bus

कंडम बसों का जंक्शन बन रही सरकार की पंजाब रोडवेज अब अपने फ्लीट में और 299 कंडम बसें डालेगी। पंजाब के परिवहन विभाग ने वित्त विभाग से पनबस की बसों को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए पत्र लिखा था।

जालंधर(मोहन): कंडम बसों का जंक्शन बन रही सरकार की पंजाब रोडवेज अब अपने फ्लीट में और 299 कंडम बसें डालेगी। पंजाब के परिवहन विभाग ने वित्त विभाग से पनबस की बसों को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए पत्र लिखा था। ये वे बसें हैं जो अपनी अवधि पूरी कर चुकी हैं और औपचारिक रूप से कंडम श्रेणी में आ चुकी हैं। एकमात्र निरोल सरकारी परिवहन पंजाब रोडवेज के पास फिलहाल 659 बसें हैं जिनमें 300 बसें तो अति कंडम होने के बाद उन्हें नीलामी के लिए रख दिया गया था और जो बंद हैं जबकि शेष 359 बसों में आधी से ज्यादा अपनी उम्र पार कर चुकी हैं। एक बस की उम्र 5 लाख किलोमीटर अथवा 7 वर्ष की अवधि होती है।

घाटे में चल रही पंजाब रोडवेज को बचाने में सरकार नाकाम

साल-दर-साल घाटे में जा रही सरकारी परिवहन पंजाब रोडवेज को बचाने के लिए सरकार भी किनारा कर रही हैै। सरकार इस जन परिवहन के बजट में लगातार कटौती कर रही है। वर्ष 2005 से पंजाब रोडवेज के बेड़े में कोई नई बस नहीं शामिल की गई। 3 साल पहले तक पनबस की कर्ज मुक्त पुरानी बसों को पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल कर लिया जाता था परन्तु तब से यह प्रक्रिया भी बंद हो गई है। हालांकि पनबस का जन्म ही इस आधार पर हुआ था कि पनबस कर्ज लेकर बसें चलाएगी और कर्ज उतरने के बाद इन बसों को पंजाब रोडवेज के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा। बाद में राज्य के परिवहन विभाग की अपील के बाद कर्ज मुक्त बसों को पंजाब रोडवेज में शामिल किया जाने लगा और अब 3 वर्ष से यह प्रक्रिया थमी हुई है।

मुनाफे में चल रही पनबस को प्रोत्साहित करने में जुटी सरकार

इस सरकारी परिवहन में पिछले कुछ वर्षों से उपेक्षा से कर्मचारियों में भी ऐसा भय बना हुआ है कि शायद सरकार पंजाब रोडवेज को बंद करने की तैयारी में है इसीलिए पनबस को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पनबस हर वर्ष मुनाफा कमा रही है और पनबस का हर वर्ष का करोड़ों रुपए का सारा मुनाफा भी पंजाब रोडवेज में डाला जा रहा है। वर्ष 2007-08 से लेकर वर्ष 2017-18 तक प्रत्येक वर्ष पंजाब रोडवोज के घाटे में औसतन 70 करोड़ रुपए जुड़ जाते हैं। पंजाब रोडवेज में नई भर्ती भी नहीं की जा रही। मृत्यु मामले में भी भर्ती नहीं हुई और यह भर्ती जुबानी तौर पर बंद है। इस संदर्भ में पंजाब परिवहन विभाग के डायरैक्टर तेजेन्द्र सिंह धालीवाल से सम्पर्क किया तो उनका कहना था कि पिछले वर्ष नवम्बर माह में राज्य के वित्त विभाग को पनबस की कर्ज मुक्त बसों को पंजाब रोडवेज में शामिल करने के लिए पत्र लिखा है। उनका कहना था कि हालांकि पनबस की बसें काफी चल चुकी हैं परन्तु उनकी हालत अच्छी है। उन्होंने पंजाब रोडवेज के बंद होने की बात से भी इंकार किया।

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