Edited By Kamini,Updated: 25 Sep, 2024 02:46 PM
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने आज अमृतसर के देवीदासपुरा में रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें रोकने का ऐलान किया था।
अमृतसर : किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने आज अमृतसर के देवीदासपुरा में रेलवे ट्रैक पर ट्रेनें रोकने का ऐलान किया था। आंदोलन शुरू करने से पहले सरकार को दोपहर 12 बजे तक का अल्टीमेटम दिया गया था। तय समय के मुताबिक बड़ी संख्या में किसान रेलवे ट्रैक पर भी पहुंच, हालांकि किसानों ने कोई ट्रेन नहीं रोकी है, लेकिन किसानों ने रेलवे ट्रैक पर बैठने के लिए टेंट जरूर लगा लिया थी। इसी बीच जैसे ही प्रशासन को रेलवे ट्रैक पर किसानों के आने की खबर मिली तो प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए।
अमृतसर प्रशासन द्वारा किसानों के साथ अहम बैठक की गई जिसके बाद किसानों ने रेलने ट्रैक जाम करने का फैसला वापस ले लिया है। बैठक के दौरान डीसी साक्षी साहनी ने किसानों की मांग सरकार तक पहुंचाने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही किसानों की मांगे मानी जाएंगी, जिसके बाद किसानों ने फैसला वापस ले लिया। इस बैठक में किसानों और प्रशासन के बीच कई मांगों पर सहमति बनी है। इसके साथ ही किसानों की बाकी मांगों को भी सरकार के सामने रखने के लिए बैठक तय की गई है। किसान नेताओं और पंजाब के मुख्य सचिव के बीच बैठक 5 अक्टूबर को सुबह 11 बजे चंडीगढ़ में होगी। बैठक के बाद डीसी साक्षी साहनी ने बताया कि लंबित मामलों पर किसानों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा कल रात ही दे दिया गया है। इसके अलावा जिन 3 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला, उन्हें भी नियुक्ति पत्र देने पर सहमति बनी है। रेलवे ट्रैक पर पहुंची डीसी साक्षी ने बातचीत करते हुए कहा कि शंभू बार्डर से लौटते बस हादसे में घायल हुए किसानों का ईलाज करवाया जा रहा है, जिन्हें आर्टीफिशल अंगों की जरूरत होगी उन्हेंने वह भी लगवाए जाएंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि खाद (डीएपी) की कोई समस्या न आए, इसके लिए 3 मैंबरों की कमेटी बनाई गई है, जिसमें डीआर कार्पोरेटर, चीफ एग्रीकल्चर अफसर भी होंगे।
बता दें कि किसानों द्वारा पंजाब सरकार से मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। गत दिन किसानों ने डीसी ऑफिस का घेराव किया था और रेल रोकने का अल्टीमेटम भी दिया था। इस दौरान किसानों ने शहीदों के परिवार को नौकरी व मुआवजा, शंभू बॉर्डर पर मोर्चे से लौटने दौरान बस हादसे में घायल हुए किसानों को मुआवजा, पराली, लूटपाट, डीएपी की कमी व भारत माला प्रोजेक्ट से जुड़ी समस्याओं के मुद्दों को हल करने की मांग की थी। किसानों ने कहा था कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह 12 बजे के बाद ट्रेनें रोकने को मजबूर होंगे।
उन्होंने कहा कि खाद्य दुकानदारों को अपनी दुकानों के बाहर लिखना होगा कि उनके पास डीएपी यूरिया कितनी मात्रा में है, अगर किसी दुकानदार ने नहीं लिखा तो उस पर कार्रवाई होगी। डीसी ने कहा कि हर महीने किसानों के साथ मीटिंग होगी जिसमें उनकी समस्याओं के बारे में पता चलता रहेगा। उन्होंने सभी किसानों को पराली जलाने से मना किया है। इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा कि एक हेल्पलाइन नंबर ही लॉन्च किए जा चुका हैं, अगर किसी को कोई समस्या आती है तो वह उस पर सम्पर्क कर सकता है।
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