पंजाब के इन गांवों के लिए खतरे की घंटी, प्रशासन ने जारी की सूची, 24 घंटे Alert रहने की हिदायत

Edited By Urmila,Updated: 23 Jun, 2025 02:48 PM

alarm bells ringing for these villages in punjab

हर वर्ष की तरह इस बार भी जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ से बचाव के लिए प्राथमिक प्रबंध किए गए हैं।

अमृतसर (नीरज): हर वर्ष की तरह इस बार भी जिला प्रशासन की तरफ से बाढ़ से बचाव के लिए प्राथमिक प्रबंध किए गए हैं। इस संदर्भ में जहां जिला प्रशासन की तरफ से 16 जून से ही फ्लड कंट्रोल रूम जो 24 घंटे काम करता है स्थापित किया जा चुका है तो वहीं बाढ़ संभावित उन 55 गांवों की सूचि भी जारी कर दी गई है जो अजनाला के रावी दरिया, लोपोके व ब्यास दरिया से सटे हुए हैं हालांकि पिछले कई वर्षों से अमृतसर में बाढ़ नहीं आई है लेकिन कई बार रावी और ब्यास दरिया में ज्यादा पानी आने से कई गांवों की सैकड़ों एकड़ फसल जरूर तबाह होती रही है।

इसलिए जिला कुलैक्टर एवं डिप्टी कमिशनर साक्षी साहनी की तरफ से बाढ़ से बचाव के लिए जहां अलग-अलग विभागों के साथ बैठक की जा चुकी है और उनको बाढ़ से बचाव के लिए जरूरी प्रबंध जैसे की दवाएं, पशुओं का चारा, खाने पीने का सामान, नौकाएं आदि तो वहीं डीसी खुद रावी दरिया के संवेदनशील इलाकों का निरीक्षण भी कर चुकी हैं और इस मामले में पूरी गंभीरता के साथ काम कर रही हैं।

तहसील अजनाला के 34 गांव संवेदनशील

वैसे तो जिले के कुल 55 गांव बाढ़ संभावित संवेदनशील हैं इनमें तहसील अजनाला के रावी दरिया से सटे गांवों में नंगल सोहल, गगड़, दूजोवाल, बल लंबे दरिया, लखूवाल रमदास, कोटली जमीत सिंह, दूरिया, कलो माहल, लंगो माहल, गगो माहल, हरडक़लां, कोटली अंब, चक औल, वंझावाला, जसड़, लखूवाल अजनाला, तलवंडी रायेदाद, फतह वालवडा, इब्राहीमपुरा, भूरोगिल, दयालपुरा, कियामपुरा, अबूसेब, कुरालिया, शहजादा, निसोके, घोनेवाल, सिंघोके, पंजग्राई वाहला, तंगई, दरिया मूसा, मलकपुर, चाहड़पुरा, सैदपुर खुर्द के नाम शामिल हैं।

बाबा बकाला ब्यास दरिया से सटे गांव

बाबा बकाला के छह गांव बाढ़ संभावित हैं जिनमें शेरों बाघा, शेरों निगाह, जोधे, डेरा बाबा जैमल सिंह, बलसरां, वडैंच,राजीवाली मियानी, बूढाथेह, वजीर भुल्लर, कोट महताब के नाम शामिल हैं।

तहसील लोपोके के गांव

जिले की तहसील लोपोके में ढंडाल, पंजू कलाल, मियादी खुर्द, खुशपुरा, बलौट, नेपाल, मियादी कलां, चक फतह खां, ककड़, राणीयां और मंडियालवाला के नाम शामिल हैं। 

जर्जर इमारतों को ट्रेस करने के निर्देश

वॉल्ड सिटी के अन्दर कई पुराने बाजारों में दर्जनों की संख्या में ऐसी जर्जर इमारतें मौजूद हैं जो 1947 से पहले की बनी हुई हैं लेकिन कोट केसों व अन्य कारणों के चलते लोग इन इमारतों को न तो खाली कर रहे हैं और न ही इनका दोबारा निर्माण कर रहे हैं जिससे हर वर्ष बारिश के सीजन में कोई न कोई जर्जर इमारत गिर जाती है और जानी मानी नुकसान भी होता है। इस बार भी जिला प्रशासन की तरफ से महानगर की उन जर्जर इमारतों को ट्रेस करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

पंचों व सरपंचों से सीधा तालमेल रखने के आदेश

बाढ़ संभावित गांवों के पंचों व सरपंचों के साथ तालमेल रखने के लिए डीसी की तरफ से संबंधित इलाकों के एसडीएम, पुलिस थाना मुखी, तहसीलदार व पटवारियों को सीधा संपर्क रखने के आदेश दिए गए हैं ताकि किसी भी प्रकार की स्थिति से समय रहते निपटा जा सके क्योंकि जब भी दरिया का पानी उपर की तरफ चढ़ता है तो संवेदनशील गांवों में पानी भरना शुरु हो जाता है ऐसे में शुरुआती सूचना पर ही रैसक्यू ऑपरेशन चलाया जाए तो पूरा बचाव संभव रहता है।

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