पंजाब के इस शहर के होटलों में खुलेआम चल रहा देह व्यापार, उठे सवाल

Edited By Kalash,Updated: 22 Jul, 2025 11:11 AM

prostitution racket in hotels

आमतौर पर रेस्तरां और होटल खाने-पीने और ठहरने के लिए एक जगह के रूप में जाने जाते हैं

बरनाला (विवेक सिंधवानी, रवि, उमेश): आमतौर पर रेस्तरां और होटल खाने-पीने और ठहरने के लिए एक जगह के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन बरनाला शहर में हाल ही में एक चौंकाने वाला और चिंताजनक चलन सामने आया है। शहर के कुछ होटलों में दिन-दहाड़े, दोपहर के समय, रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी में देह व्यापार (जिस्मों की सौदेबाजी) आम हो गई है। पिछले कुछ समय से इन होटलों में वेश्यावृत्ति की खबरें मुख्य सुर्खियां बन रही हैं। इस घिनौने और समाज विरोधी धंधे के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को लिखित शिकायतें देने के बावजूद, जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो शहरवासियों ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए इन होटल मालिकों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

इंद्रलोक कॉलोनी के निवासियों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस: खुलेआम देह व्यापार के सनसनीखेज खुलासे

शहर के गुरु रविदास चौक के पास स्थित इंद्रलोक कॉलोनी के निवासियों ने इस सामाजिक बुराई पर प्रकाश डालने के लिए कॉलोनी में बाकायदा पत्रकारों को बुलाकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इंद्रलोक कॉलोनी के रेजिडेंट्स संस्था के अध्यक्ष सेवानिवृत्त मास्टर भोला सिंह ने अपने साथियों, जिनमें सेवानिवृत्त थानेदार हरबंस सिंह, गुरबचन सिंह, बलजिंदर सिंह, परमजीत सिंह, छोटा सिंह, सुखवंत सिंह, बहादुर सिंह, मोहन सिंह और दलबारा सिंह शामिल थे, की उपस्थिति में पत्रकारों को चिंताजनक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि शहर में बने कुछ होटलों में कम उम्र के लड़के-लड़कियां आते हैं और संदिग्ध तरीके से एक-एक घंटा या दो-दो घंटे के लिए कमरे बुक करवाते हैं।

मास्टर भोला सिंह ने एक और चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि इन लड़के-लड़कियों में से कुछ लड़कियों की उम्र 18 साल से भी कम होती है, यानी वे नाबालिग होती हैं। उन्होंने इस बात पर गहरी नाराजगी व्यक्त की कि उन्होंने इस गंभीर मामले के संबंध में डिप्टी कमिश्नर और एसएसपी को भी लिखित में शिकायतें दी थीं, लेकिन किसी भी तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

मास्टर भोला सिंह ने जोर देकर कहा कि उनके पास होटल में आने वाले लड़के-लड़कियों की कुछ वीडियो फुटेज भी मौजूद हैं, जो उनके दावों की पुख्ता पुष्टि करती हैं। कॉलोनी निवासियों का कहना है कि उनके घरों के बिल्कुल पास हो रहे इस धंधे का उनकी बेटियों-बहनों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। वे सभी इस समाज विरोधी कृत्य से शर्मिंदा और मानसिक रूप से परेशान हैं। कॉलोनी निवासियों ने यह भी दावा किया कि होटलों में आने वाली कम उम्र की कुछ लड़कियां स्कूल की वर्दी में ही होती हैं, जो कि स्थिति की गंभीरता को कई गुना बढ़ा देता है और यह बाल अपराध की ओर भी इशारा करता है।

इन सभी ठोस आरोपों और सबूतों के बावजूद, पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया और इन होटलों के कमरों में रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी में देह व्यापार बेरोक जारी है। शहर के कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा होटलों में देह व्यापार के धंधे के संबंध में की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस और लगाए गए आरोपों के मामले में जब एसएसपी बरनाला मोहम्मद सरफराज आलम से बात की गई तो उन्होंने कहा कि "वह इस मामले को गंभीरता से लेंगे और सभी होटलों की चेकिंग के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी।" अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन वास्तव में कोई ठोस कदम उठाता है या यह सिर्फ एक वादा बनकर रह जाता है, जैसा कि पहले भी देखने को मिला है।

होटल संचालकों का खंडन और प्रशासन पर उठते तीखे सवाल

होटलों में देह व्यापार के धंधे के आरोपों के संबंध में जब कुछ होटल संचालकों से बात की गई तो उन्होंने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उनके होटलों में जो भी हो रहा है, वह कानून के अनुसार ही हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि वे सिर्फ 18 साल से ऊपर उम्र के ग्राहकों को ही कमरा देते हैं। होटल में एक घंटा या दो घंटे कमरे की बुकिंग संबंधी सवाल का जवाब देते हुए होटल मालिकों ने गोलमोल जवाब दिया कि "वे 12 घंटे के लिए बुकिंग करते हैं, यदि कोई पहले चला जाए तो रोका नहीं जा सकता।" यह जवाब अपने आप में संदेह पैदा करता है क्योंकि थोड़े समय के लिए कमरे बुक करवाने का मकसद आमतौर पर आवासीय नहीं होता।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ये होटल मालिक भले ही ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर देने का दावा करते हैं, लेकिन होटलों के प्रबंधकों ने खुद माना कि उनके पास ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर का कोई प्रबंध नहीं है और वे ग्राहक की मांग के अनुसार बाहर से मंगवाकर देते हैं।

यह स्थिति कई गंभीर सवाल खड़े करती है: यदि इन होटलों में खाने-पीने का कोई प्रबंध ही नहीं, तो क्या इन होटलों ने सिर्फ कमरे किराए पर देने के लिए ही करोड़ों रुपये का निवेश किया है? यहां इस बात का भी जिक्र करना बनता है कि बरनाला शहर कोई बहुत बड़ा औद्योगिक शहर नहीं है जहां बाहर से व्यापार करने के लिए व्यापारी आते हों और उन्हें रात ठहरने की आवश्यकता पड़ती हो। फिर सवाल तो उठते ही हैं कि इन होटलों के लाखों रुपये के मासिक खर्चे कैसे पूरे होते हैं, खासकर जब उनकी मुख्य सेवाएं सिर्फ घंटों के हिसाब से कमरे उपलब्ध करवाना हो? ये सभी तथ्य होटलों में चल रहे गैर-कानूनी धंधों की ओर स्पष्ट इशारा करते हैं।

शहरवासियों की अपील और आगे की राह

शहरवासियों ने प्रशासन से जोरदार अपील की है कि वह इस गंभीर मामले को तुरंत गंभीरता से ले और दोषी होटल संचालकों तथा इस धंधे में शामिल अन्य व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे। उन्होंने यह भी मांग की है कि नाबालिग बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उन्हें ऐसे गैर-कानूनी कामों से बचाया जाए। यदि प्रशासन ने जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया, तो शहरवासियों ने इस समाज विरोधी धंधे को जड़ से खत्म करने के लिए अपने संघर्ष को और तेज़ करने की चेतावनी दी है। यह समस्या सिर्फ कानून व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि हमारे समाज की नैतिक मूल्यों और हमारी आने वाली पीढ़ी के भविष्य की सुरक्षा का भी सवाल है। क्या बरनाला प्रशासन इस गंदगी से शहर को मुक्त करवाने के लिए वास्तव में कोई असरदार और तुरंत कदम उठाएगा?

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