अहम खबर: Canada के साथ तनाव के चलते पंजाबियों की बढ़ी मुश्किल

Edited By Urmila,Updated: 27 Nov, 2024 02:41 PM

problems of punjabis increased due to tension with canada

भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव का असर नागरिकों और छात्रों पर पड़ रहा है।

पंजाब डेस्क: भारत और कनाडा के बीच चल रहे राजनयिक तनाव का असर नागरिकों और छात्रों पर पड़ रहा है। तनाव के बीच इमिग्रेशन बैकलॉग का असर सबसे ज्यादा भारतीयों पर देखा जा रहा है। कनाडा ने भारत में डिप्लोमेटिक स्टाफ कम कर दिया है, जिसके कारण भारतीयों को वीजा मिलने में अधिक समय लग रहा है। कम डिप्लोमेटिक का मतलब है भारतीयों के लिए लंबा इंतजार। कनाडा को लंबे समय से भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए सबसे पसंदीदा देश माना जाता रहा है। खासकर पंजाब के लोगों की यह पहली पसंद रही है।

करीब 25 लाख आवेदकों का वीजा लंबित है लेकिन 11 लाख मामले ऐसे हैं जिनमें देरी हो रही है। इनमें ऐसे लोग भी हैं जिन्हें न सिर्फ शादी के लिए बल्कि बिजनेस के सिलसिले में भी पंजाब से कनाडा जाना है, लेकिन वीजा न मिलने के कारण यह व्यवस्था बिगड़ गई है। स्थायी निवास आवेदक धारक भी कनाडा में पीआर मिलने पर सुविधाएं मिलने का इंतजार कर रहे हैं लेकिन स्थिति ऐसी है कि 3,05,200 आवेदन बैकलॉग में हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाबी समुदाय के लोग हैं। अस्थायी निवास के लिए 7,53,700 आवेदन लंबित हैं। वीजा प्रोसेसिंग का समय बढ़ने से भारतीय छात्रों को समय पर पढ़ाई शुरू करने में दिक्कत हो रही है।

भारतीय कर्मचारी भी समय पर कंपनियों से जुड़ नहीं पाते हैं। कनाडा जाने की सोच रहे भारतीयों को इमीग्रेशन बैकलॉग से भारी नुकसान हुआ है। एक अन्य वीज़ा विशेषज्ञ का कहना है कि लंबा प्रोसेसिंग टाइम लगने का मतलब है कि आवेदकों को अपने स्टडी परमिट, वर्क वीज़ा और स्थायी निवास आवेदनों पर फैसलों के इंतजार में अधिक समय ले रहे हैं। यह अनिश्चितता उनकी शिक्षा और नौकरी योजनाओं को बाधित कर सकती है। कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद से चुनौतियां और बढ़ गई हैं। उन्हें नहीं पता कि उनके आवेदन पर कब फैसला होगा।

जालंधर निवासी एक व्यक्ति का कहना है कि उसने और उसकी पत्नी ने चार महीने पहले वीजा के लिए आवेदन किया था। उनका इरादा एक पारिवारिक समारोह में भाग लेने और कुछ व्यवसाय के बारे में सोचने का था, लेकिन मौजूदा स्थिति न केवल उनकी भविष्य की योजनाओं को प्रभावित कर रही है, बल्कि उन्हें मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ रहा है। वे चार महीने से इंतजार कर रहे हैं जबकि टूरिस्ट वीजा पर फैसला अधिकतम 2 महीने में होता है।

24,50,600 आवेदनों में से अधिकतर पंजाबी हैं

कनाडा में नागरिकता हासिल करने से लेकर स्थायी निवास पाने तक का इंतजार लंबा होता जा रहा है। इन दिनों कनाडा में इमीग्रेशन के लिए आवेदनों का अंबार लगा हुआ है। पंजाब के युवा खास तौर पर प्रभावित हैं।  कनाडा स्थित एडमॉन्टन में एक वीज़ा विशेषज्ञ का कहना है कि इमीग्रेशन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा में 10,97,000 आवेदन हैं जो प्रोसेसिंग समय से लंबित हैं। 30 सितंबर तक कनाडा में नागरिकता, स्थायी नागरिकता और अस्थायी नागरिकता के लिए कुल 24,50,600 आवेदन प्रक्रियाधीन हैं, जिनमें से अधिकांश पंजाबियों से हैं।

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