Edited By Kalash,Updated: 30 Sep, 2024 12:31 PM
पंजाब में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव संबंधी पंचायत विभाग द्वारा 6 अलग-अलग गांवों की पंचायतों को एन.ओ.सी. न देने का मामला लगातार तूल पकड़ने लगा है।
लुधियाना : पंजाब में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनाव संबंधी पंचायत विभाग द्वारा 6 अलग-अलग गांवों की पंचायतों को एन.ओ.सी. न देने का मामला लगातार तूल पकड़ने लगा है। उक्त मामले संबंधी ग्राम पंचायत धनांसू के पूर्व सरपंच सौदागर सिंह द्वारा पंचायत सचिव गुरभेज सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया गया है। इसमें सौदागर सिंह ने पंचायत सचिव गुरभेज सिंह पर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि सचिव द्वारा उन्हें जानबूझकर एन.ओ.सी. नहीं दी जा रही ताकि वह सरपंच चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल न कर सकें।
सौदागर सिंह ने दावा किया कि जिन 6 गांवों की पंचायतों की जांच का काम लंबित चल रहा है उस मामले में अभी तक सरकार का काई फैसला नहीं आया है। उन्होंने कहा कि अगर जांच के दौरान कोई गांव की पंचायत आरोपी पाई जाती है तो पंचायत विभाग द्वारा उन्हें एन.ओ.सी. जारी नहीं की जा सकती। जब तक सरकार या विभाग का कोई फैसला नहीं आता तब तक वह सभी निर्दोष हैं और उन्हें चुनाव लड़ने की पूरी आजादी है जो लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। उन्होंने कहा कि गांव की सारी जनता पंचायतों के साथ चट्टान की तरह खड़ी हुई हैं।
सौदागर सिंह ने कहा कि ब्लॉक विकास और पंचायत विभाग लुधियाना-2 के अंतर्गत आती सारी 6 ग्राम पंचायतों के सरपंचों और पंचों की उम्मीद अब कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया पर टिकी है। उन्होंने बताया कि उक्त मामले संबंधी कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां को अवगत करवाने के लिए वह उनके दफ्तर पहुंचे थे पर उस समय वह हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए गए थे। इस लिए उनसे मुलाकात नहीं हो सकी।
उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री एक सुलझे हुए और काबिल राजनीतिज्ञ हैं। उनके द्वारा विधानसभा क्षेत्र साहनेवाल के अंतर्गत आने वाली सभी पंचायतों के मुद्दों को समय-समय पर बहुत ही समझदारी से हल किया जाता है। ऐसे में उन्हें पूरा भरोसा है कि कैबिनेट मंत्री उनकी उक्त समस्या का गंभीरता से समाधान करेंगे ताकि सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच और पंच अपने गांव के विकास को जारी रखते हुए गांव वासियों की सेवा कर सकें। इस संबंध में जब पंचायत सचिव गुरभज सिंह से उनका पक्ष जानना चाहा तो उनसे संपर्क नहीं हो सका।
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