पंजाब के इन स्कूलों पर सरकार की बाज नजर! हो सकता है बड़ा एक्शन

Edited By Urmila,Updated: 18 Apr, 2025 03:12 PM

private schools are not following the orders of high court and government

पंजाब के निजी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को अभी भी उनके लिए आरक्षित कोटे के तहत मुफ्त शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है।

बाबा बकाला साहिब (राकेश): पंजाब के निजी स्कूलों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को अभी भी उनके लिए आरक्षित कोटे के तहत मुफ्त शिक्षा प्रदान नहीं की जा रही है, न ही ऐसे बच्चों को स्कूल की किताबों या फीस आदि पर छूट दी जा रही है। हालांकि इस संबंध में जनता दल यूनाइटेड के राज्य नेता सतनाम सिंह गिल द्वारा माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई थी, जिसकी सुनवाई के बाद माननीय उच्च न्यायालय ने ऐसे बच्चों के पक्ष में फैसला सुनाया और पंजाब सरकार को 25 प्रतिशत कोटा लागू करने के आदेश भी जारी किए, जिसके बाद पंजाब सरकार ने भी उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया और एक अधिसूचना जारी कर राज्य भर के शिक्षा अधिकारियों को इन आदेशों का सख्ती से पालन करने और निजी स्कूलों को निर्देश देने के आदेश दिए।

इसके बावजूद भी निजी स्कूल मालिकों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया और हाईकोर्ट व पंजाब सरकार के आदेशों का पालन नहीं किया। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों से कुछ अभिभावकों ने इस बात पर जोर दिया था कि निजी स्कूल मालिक बच्चों की फीस, जबरदस्ती कॉपी-किताब देना, यूनिफॉर्म देना, बिल्डिंग फंड, आयोजनों के लिए धन आदि के नाम पर लाखों रुपए वसूल रहे हैं।

पंजाब सरकार आखिर कब इन स्कूलों पर नकेल कसेगी? यह भी पाया गया है कि ऐसे निजी स्कूल बच्चों को पढ़ाने के लिए नियुक्त कर्मचारियों के साथ औरंगजेब जैसा व्यवहार करते हैं, तथा ये कर्मचारी कम वेतन पर भी स्वयं को किसी की हिरासत में समझते हैं। नाम न बताने की शर्त पर कुछ ऐसे स्कूल शिक्षकों ने बताया कि उन्हें जो मामूली वेतन दिया जाता है, वह भी मनमाने ढंग से और एक-दो महीने बाद दिया जाता है, जिससे उनके लिए गुजारा करना मुश्किल हो जाता है। मैडमों ने कहा कि स्कूल मालिक स्कूलों में काम करने वाले अध्यापकों और अन्य स्टाफ पर अपना पूरा नियंत्रण रखते हैं।

याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गिल ने जिला शिक्षा अधिकारी से मांग की है कि प्रत्येक निजी स्कूल में हाजिरी रजिस्टर, फीस की रसीद, स्कूली बच्चों की कॉपी-किताबों का हिसाब-किताब तथा स्टाफ को दिए जाने वाले वेतन की जांच की जाए तथा बच्चों व उनके अभिभावकों तथा स्कूल में कार्यरत स्टाफ के साथ न्याय किया जाए।

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