Edited By swetha,Updated: 30 Oct, 2018 08:30 AM
एक ओर जहां पंजाब में धान की फसल की कटाई जोर पकड़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हवा का दबाव कम हो रहा है। भले ही पिछले सालों के मुकाबले इस साल पंजाब सरकार ने धान की पराली को जलाने पर कुछ सीमा तक अंकुश लगा दिया है,लेकिन फिर भी कहीं न कहीं ऐसी घटनाएं...
खन्ना (शाही): एक ओर जहां पंजाब में धान की फसल की कटाई जोर पकड़ती जा रही है, वहीं दूसरी तरफ हवा का दबाव कम हो रहा है। भले ही पिछले सालों के मुकाबले इस साल पंजाब सरकार ने धान की पराली को जलाने पर कुछ सीमा तक अंकुश लगा दिया है, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष 30 प्रतिशत किसानों द्वारा पराली को आग लगाई गई है। इसक चलते पूरे पंजाब का प्रदूषण स्तर अधिकतम तय सीमा पार कर चुका है।
लोगों की सांस, खांसी व गले की बीमारियों की चपेट में आने की शिकायतें सामने आ रही हैं। पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा संचालित प्रदूषण मापक मशीनों द्वारा आज रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में सबसे ज्यादा लेवल 10 (धुएं के कण) में 263 और लेवल 2.5 (धूल के कण) में 311 लुधियाना में रिकॉर्ड किया गया। लेवल 10 में दूसरे नंबर पर जालंधर (216) और खन्ना (204) तीसरे नंबर पर आया है।
केजरीवाल ने पंजाब व हरियाणा सरकारों को कोसा
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण के लिए पंजाब और हरियाणा सरकारों को दोषी ठहराया है। अपने ट्वीट में केजरीवाल ने लिखा है कि पूरा साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर ठीक रहा, पर इस वक्त हर साल की तरह दिल्ली को हरियाणा, केंद्र और पंजाब की भाजपा और कांग्रेस सरकारों की वजह से दमघोंटू प्रदूषण को झेलना पड़ता है। हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद ये कुछ करने को तैयार नहीं हैं। इन राज्यों के किसान भी अपनी सरकारों से परेशान हैं।
इस प्रकार, केजरीवाल ने जहां बड़ी चतुराई से भाजपा और कांग्रेस पर राजनीतिक प्रहार कर पराली जलाने की घटनाओं को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं दूसरी ओर कहीं किसान नाराज न हो जाएं, उनकी नाराजगी भी जाहिर कर दी है। लेकिन दिल्ली सरकार ने इस प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं, यह नहीं कहा है।
सोमवार शाम 5.10 बजे पंजाब का अधिकतम प्रदूषण लेवल
जिला |
लेवल 2.5 |
लेवल 10 |
खन्ना |
..... |
204 |
लुधियाना |
311 |
263 |
अमृतसर |
164 |
184 |
जालंधर |
188 |
216 |
पटियाला |
203 |
188 |