सीमा पार के ड्रोन को इंडियन ड्रोन से क्रैश करेगी पुलिस

Edited By swetha,Updated: 30 Jan, 2020 12:16 PM

police will crash cross border drone with indian drone

राडार की रेंज से बच जाते हैं ड्रोन

अमृतसर(इन्द्रजीत): टैररिज्म के दौर में जहां पुलिस व सुरक्षा बलों के लिए सर्दियों के दिनों में सीमा पार की जमीनी घुसपैठ पहले से कहीं बढ़कर हो रही है, वहीं ड्रोन की आसमानी घुसपैठ को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जिसने सिक्योरिटी सिस्टम के लिए कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। इसके लिए बॉर्डर रेंज पुलिस ने सीमा पार से आए ड्रोन को गिराने के लिए ड्रोन से ड्रोन क्रैश करने की नई तकनीक को एक्सरसाइज में लाने का प्लान तैयार कर लिया है, जिससे दोनों ड्रोन नष्ट हो जाएंगे। इस संबंध में पंजाब केसरी को सीमा रेंज के आई.जी. सुरेंद्रपाल सिंह परमार ने कई विशेष जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि आज के दौर में ड्रोन केवल हमारे देश की ही नहीं, बल्कि वैश्विक समस्या है, जिससे कई देश जूझ रहे हैं। ये सुरक्षा में सेंध के साथ संदेशवाहक का भी काम करते हैं। आई.जी. ने बताया कि सीमा रेंज के ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस लोगों से संपर्क कर उन्हें ड्रोन के बारे में जागरूक कर रही है व पुलिस जिलों के एस.एस.पी. इस पर पूरी निगरानी रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पार से आए ड्रोन को ड्रोन से कै्रश करने के बारे में विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी। 

राडार की रेंज से बच जाते हैं ड्रोन
हवाई अड्डों पर प्राइमरी और सैकेंडरी 2 प्रकार के राडार होते हैं। सैकेंडरी अधिक पावरफुल होता है और स्टील्थ प्लेन्स को भी अपनी रेंज में ले लेता है। इन दोनों राडारों की क्षमता 50 एयर नॉटिकल माइल्स होती है। 300 मीटर से कम ऊंचाई में उड़ान के कारण ड्रोन व अन्य उपकरण प्राइमरी और सैकेंडरी दोनों प्रकार के राडारों की सिगनल रेंज में नहीं आते हैं।

गन फायर से ड्रोन गिराना मुश्किल 
100 मीटर से अधिक दूर उड़ते ड्रोन को गन फायर से गिराने में मुश्किलें हैं, क्योंकि ड्रोन ऊंचाई के साथ स्टिल ऑब्जैक्ट नहीं है, बल्कि मूवएबल है। इसलिए उड़ते ड्रोन पर निशाना साधना अंधेरे में तीर मारने के बराबर है। 

विभिन्न किस्मों के होते हैं ड्रोन
आई.जी. परमार बताते हैं कि भारी सर्विलैंस ड्रोन 15-20 किलो वजन उठाने में सक्षम होते हैं, इनमें एम्युनिशंस कैरी करने की संभावना होती है। 40 किलोमीटर की रेंज तक आर.पी.एस.सी. होता है। इन्हें पीछे से ही कंट्रोल किया जाता है, छोटे ड्रोन 150 मीटर उड़ान के बाद अपना रेडियो रेंज संपर्क छोड़ देते हैं। 
 

  • नैनो ड्रोन की उड़ान 15 फुट, भार 250 ग्राम। 
  • माइक्रो ड्रोन का वजन अधिकतम 2 किलो, उड़ान क्षमता 60 मीटर।
  • स्मॉल ड्रोन का वजन 25 किलो तक, उड़ान क्षमता 120 मीटर। 
  •  मीडियम ड्रोन का वजन 150 किलो, उड़ान 120 मीटर। 
  •  लार्ज ड्रोन का वजन 150 किलो से अधिक, उड़ान 120 मीटर या अधिक ।

 

ये हैं ड्रोन क्रैश करने के तरीके 

  •  उड़ते ड्रोन के सामने दूसरा ड्रोन भेजकर आपस में टकरा दोनों को नष्ट कर दिया जाए।
  •  नीचे से उड़ाए गए ड्रोन की मदद से बाहर से आए ड्रोन पर जाल फैंक दिया जाए।
  •  उड़ते ड्रोन पर जमीन से लगातार फायर किए जाएं।
  •  रिमोट की मदद से ड्रोन को उतार लिया जाए। 

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