Edited By Urmila,Updated: 03 Jan, 2025 05:27 PM
फिल्लौर पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं।
फिल्लौर : फिल्लौर पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। उक्त पंजाब के अलग-अलग शहरों में रहकर लोगों को पैसों का लालच देकर अपने जाल में फंसाकर उनके बैंकों में खाते खुलवा कर देश-विदेश में बैठे लोगों को गेमिंग ऐप के जरिए या फिर लोगों को फोन कर उनसे किसी तरह खाते की जानकारी हासिल कर उनका अकाऊंट हैक कर उनके खातों में से करोड़ों रुपए निकलवा चुके हैं। इस गिरोह के तार दुबई से जुड़े हुए हैं। पहली बार हुआ है जब पंजाब पुलिस इस गिरोह के 2 लोगों को पकड़ कर पर्दाफाश करने में कामयाब हुई है।
पत्रकारों को जानकारी देते हुए एस.एस.पी. जालंधर हरकमलप्रीत सिंह खख, डी.एस.पी. फिल्लौर सरवन सिंह बल ने बताया कि आपराधिक तत्वों के विरुद्ध चलाई गई विशेष मुहिम में थाना प्रभारी फिल्लौर इंस्पैक्टर संजीव कपूर और उनकी पुलिस पार्टी ने अंतर्राष्ट्रीय साइबर गिरोह के 2 सदस्यों वरिंदर सिंह पुत्र शादी सिंह और अमरिंदर सिंह सैणी पुत्र शिंगारा सिंह दोनों वासी भिलाई छत्तीसगढ़ को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।
जालंधर जिले में 9 गरीब लोगों के 23 खाते खुलवा कर गेमिंग एप के जरिए की करोड़ों की ट्रांजैक्शन
इस गिरोह के लोग पूरे देश के सभी प्रदेशों में फैले हुए हैं गिरोह के दोनों सरगना जो पंजाब के जिला जालंधर में डेरा डालकर फिल्लौर, नूरमहल और जालंधर के आसपास घूमकर पहले जरूरतमंद लोगों की रैकी करते फिर उनसे दोस्ती कर उन्हें जल्द अमीर बनने के ख्वाब दिखाते। जब एक बार आदमी इनके झांसे में आ जाता तो ये उन्हें बिल्कुल आसान-सा काम यह कहकर बताते कि वे गरीब लोगों के बैंकों में उन्हें खाते खुलवा कर दें, वे प्रति खाता उसे 2500 रुपया देंगे और आगे जिस बेंक में व्यक्ति का खाता खुलवाएंगे, उसे भी 500 से 1000 रुपए तक देंगे।
इसी कड़ी में पहले फिल्लौर के नजदीक रहने वाले संजीव कुमार को अपने झांसे में लिया जिसने जब 5 गरीब लोगों के नूरमहल और जालंधर में खाते खुलवा कर इन्हें दिए तो इन्होंने उसे उसी वक्त प्रति खाता 2500 के हिसाब से 12,500 दे दिए। पैसे पकड़ते ही संजीव को ऐसा लालच लगा कि उसने मात्र कुछ ही दिनों में जालंधर जिले में पड़ते बैंकों में 9 लोगों के 23 खाते खुलवा दिए। इन खातों की पूरी डिटेल, चैकबुक, क्रैडिट कार्ड और यहां तक कि खाते के साथ अटैच मोबाइल फोन के सिम कार्ड भी वरिंदर ने संजीव से लेकर आगे छत्तीसगढ़ भेज दिए जिन्हें वहां बैठे उनके साइबर अपराधी साथियों ने लोगों को गेमिंग ऐप के जरिए और कुछ लोगों को फोन कर उनके खातों की किसी तरह डिटेल इकट्ठी कर उनके खाते हैक कर उन गरीब मजदूरों के खातों में से करोड़ों रुपयों का आदान-प्रदान करवा दिया।
तेलंगाना से 1.40 करोड़ की गलत एंट्रियां होने का फोन आने पर हुआ खुलासा
गत दिवस इंस्पैक्टर संजीव कपूर के पास एक शिकायतकर्ता अकाशदीप ने आकर बताया कि उसका अकाऊंट कर्नाटका बैंक में है। 2 दिन पहले उसे तेलंगाना पुलिस का फोन आया कि उसके खाते में से 1 करोड़ 40 लाख रुपए की गलत एंट्रियां हुई हैं जिसके संबंध में वह बिल्कुल अंजान था। पहले उसे लगा कि कोई फोन पर उसे गुमराह कर रहा है।
अगले दिन जब उसने बैंक में जाकर अपने अकाऊंट की जांच की तो वह हैरान रह गया कि उसके खाते में से डेढ़ करोड़ रुपए के करीब अदान प्रदान हो चुका था। उससे जानकारी हासिल कर इंस्पैक्टर कपूर और उनकी पुलिस पार्टी हरकत में आ गई। उन्होंने गिरोह के दोनों साइबर अपराधियों को दबोच लिया।
विदेशों से जुड़े हैं तार, हवाला ट्रांजैक्शन की आशंका
पकड़े गए आरोपियों के तार पंजाब, दिल्ली, छत्तीसगढ़, दुबई और कंबोडिया से जुड़े हुए हैं। ये लोगों के बैंक खाते खुलवा कर आगे विदेश में भेज देते थे जहां से इन खातों के जरिए लोगों को करोड़ों का चुना लगाया जा रहा था। पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों से बारीकी से पूछताछ कर रही है। सूत्रों से यह भी पता चला है कि यह गिरोह इन गरीब लोगों के बैंक खातों के जरिए हवाला के माध्यम से देश में आपराधिक गतिविधियां चलाने वाले गैंगस्टरों और दूसरे लोगों को पैसे पहुंचाने का भी काम कर रहे है। इस संबंध में पंजाब केसरी समूह ने विगत 21 अगस्त को विशेष तौर स्टोरी प्रकाशिक कर लोगों को अगाह किया था कि कैसे यह गिरोह लोगों को अपने जाल में फंसा कर उसके बैंक खातों का दुरुपयोग कर रहा है।
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