कैप्टन साहिब, क्या पैंशन लेने के लिए भूखे मरें ओलिम्पिक्स और एशियन मैडल विजेता?

Edited By swetha,Updated: 17 Jun, 2019 11:44 AM

players against captain government

कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य के वैटरन खिलाडियों को दी जा रही पैंशन में बेशक बढ़ौतरी करके खूब वाहवाही लूटी जा रही है, लेकिन इस पैंशन का हकदार बनने के लिए खिलाडियों के लिए अब जो शर्तें रखी हैं, उसे लेकर अर्जुन अवार्डी बास्केटबाल खिलाड़ी एवं पंजाब पुलिस...

लुधियाना(विक्की): कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य के वैटरन खिलाडियों को दी जा रही पैंशन में बेशक बढ़ौतरी करके खूब वाहवाही लूटी जा रही है, लेकिन इस पैंशन का हकदार बनने के लिए खिलाडियों के लिए अब जो शर्तें रखी हैं, उसे लेकर अर्जुन अवार्डी बास्केटबाल खिलाड़ी एवं पंजाब पुलिस के पूर्व एस.पी. सज्जन सिंह चीमा ने सवाल उठाते हुए सरकार को आईना दिखाया है। रविवार को सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए एक वीडियो में पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी चीमा ने दावा किया कि पैंशन के लिए सरकार द्वारा रखी गई शर्तों के मुताबिक पूरे पंजाब में कोई एक भी खिलाड़ी इस पैंशन के लिए एलीजिबल नहीं होगा। चीमा ने उक्त वीडियो पंजाब स्टेट स्पोर्ट्स कौंसिल की ओर से उनको पैंशन लेने के लिए आवेदन करने हेतु भेजी गई एक पत्र के बाद अपलोड किया है। चीमा ने सरकार की पैंशन संबंधी उक्त पॉलिसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ओलिम्पिक्स, एशियन, कॉमनवैल्थ और वर्ल्ड प्रतियोगिताओं के मैडल विनर खिलाड़ी अगर भूखे मर रहे होंगे, तभी उन्हें सरकार की इस पैंशन स्कीम का हकदार बनाया जाएगा। सरकार की शर्तों का सीधा मतलब तो यही निकलता है। 
 PunjabKesari
 

ये रखी गई हैं शर्तें
अर्जुन अवार्डी खिलाड़ी ने कहा कि पैंशन के लिए आवेदन हेतु जो शर्त रखी गई है, उसमें पहली शर्त तो यह है कि 40 वर्ष से पहले कोई भी इस पैंशन के लिए एलीजिबल नहीं होगा। दूसरी शर्त खिलाड़ी की वार्षिक आय भी 6 लाख से कम होनी चाहिए। तीसरी शर्त में किसी भी सरकारी नौकरी वाला खिलाड़ी इस पैंशन के लिए योग्य नहीं होगा।

PunjabKesari

पूर्व अंतर्राष्ट्रीय बास्केटबाल खिलाड़ी ने ऐसे दिए उदाहरण 
चीमा ने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस खिलाड़ी ने ओलिम्पिक, कॉमनवैल्थ, एशियन गेम्स, वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मैडल जीता हो, उसे कम से कम 50 हजार रूपए महीने की नौकरी तो मिल ही 
जाती है। अगर कोई खिलाड़ी कांस्टेबल भर्ती होता है तो उसे 15 वर्ष की नौकरी में 30 से 60 हजार तक मासिक की सैलरी भी मिल ही जाती है। इसका मतलब अगर खिलाड़ी नौकरी करता हुआ 6 लाख वार्षिक कमाता है तो वह खिलाड़ी के रूप में सरकारी पैंशन का हकदार नहीं। वहीं ओलिम्पिक्स या एशियन मैडल विजेता खिलाड़ी अगर नौकरी न करके अपना बिजनैस भी करते हों तो ऐसा तो हो नहीं सकता कि वे 6 लाख न कमाते हों।

PunjabKesari

सरकार में 4 खिलाड़ी जिन्होंने पास की है पॉलिसी
सज्जन सिंह चीमा ने सरकार से कहा है कि जब यह स्कीम पूरी तरह से लागू हो गई तो उनको बता इतना बता दिया जाए कि कितने खिलाड़ी नई शर्तों के मुताबिक पैंशन ले रहे रहे हैं। उन्होंने अफसोस जताया कि सरकार में 4 नामी खिलाड़ी जिसमें नवजोत सिंह सिद्धू, मनप्रीत सिंह बादल, परगट सिंह के अलावा स्वयं खेल मंत्री भी शामिल हैं, ने यह पॉलिसी पास की है लेकिन इसमें रखी गई शर्तों के मुताबिक एक भी खिलाड़ी को इसका फायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने सरकार पर वैटरन खिलाडियों के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने पैंशन हेतू ऐसी सख्त शर्तें लगाकर वैटरन खिलाडियों की इज्जत के साथ खिलवाड़ किया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!