Edited By Kalash,Updated: 06 Aug, 2025 03:40 PM

पंजाब यूथ कांग्रेस के सचिव अंगद दत्ता ने इसे लेकर राज्य और केंद्र सरकार के संबंधित स्वास्थ्य विभागों से तुरंत दखल देने की अपील की है।
जालंधर : पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पिम्स), जालंधर में एमबीबीएस इंटर्न को सरकार द्वारा तय किया गया पूरा स्टाइपेंड न मिलने का मामला गरमा गया है। पंजाब यूथ कांग्रेस के सचिव अंगद दत्ता ने इसे लेकर राज्य और केंद्र सरकार के संबंधित स्वास्थ्य विभागों से तुरंत दखल देने की अपील की है।
दत्ता ने आरोप लगाया कि पंजाब चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग (DRME) द्वारा ₹22,000 मासिक स्टाइपेंड तय किए जाने के बावजूद पिम्स प्रशासन इंटर्न को केवल ₹11,000 ही दे रहा है। यह सीधे तौर पर सरकारी आदेशों की अवहेलना और मेडिकल काउंसिल के नियमों का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि DRME का स्पष्ट आदेश (पत्र संख्या: 3.M.E.3-PUN-2025/12220) इस स्टाइपेंड को अनिवार्य रूप से लागू करने की बात कहता है। इसके अलावा, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भी रिट याचिका (सिविल) संख्या 730/2022 में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि इंटर्न को पूरा स्टाइपेंड बिना किसी कटौती के दिया जाए।
दत्ता ने यह भी बताया कि पंजाब के अन्य निजी मेडिकल संस्थान, जैसे लुधियाना स्थित दयानंद मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल, पहले ही ₹22,000 स्टाइपेंड लागू कर चुके हैं। "भावी डॉक्टरों के अधिकारों की अनदेखी न्याय और गरिमा के खिलाफ है," दत्ता ने कहा। उन्होंने इसे न केवल वित्तीय अन्याय बल्कि युवाओं के मनोबल पर भी सीधा आघात बताया।
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