Edited By Kamini,Updated: 29 Jun, 2024 01:22 PM
पर्ल ग्रुप की ओर से लाखों लोगों से की गई धोखाधड़ी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
पंजाब डेस्क : पर्ल ग्रुप की ओर से लाखों लोगों से की गई धोखाधड़ी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में कंपनी की पंजाब में 500 करोड़ से अधिक की प्रॉपर्टी की पहचान हुआ है। इस दौरान रेंज रोवर सहित अन्य महंगी गाड़ियां भी मिली हैं। ठगे गए लोगों का पैसा वापस दिलाने के लिए पंजाब सरकार ने भी प्लान तैयार किया है। 14 प्राइम प्रॉपर्टियों पर कुछ लोगों की ओर से किए गए कब्जे छुड़ाकर सरकार इनका इस्तेमाल कृषि व अन्य धंधों के लिए करेगी।
इसके साथ ही पंजाब विजिलेंस ने आरोपियों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी कर दिया है।आपराधिक जांच में किसी व्यक्ति की पहचान या उसकी गतिविधियों की जानकारी के लिए जो नोटिस जारी होता है, उसे ब्लू कॉर्नर नोटिस कहा जाता है। इसमें इंटरनेशनल पुलिस को ऑपॅर्पोरेशन बॉडी द्वारा सदस्य देशों से जानकारी ली जाती है। पर्ल ग्रुप ने पंजाब के 10 लाख लोगों समेत देश में 5.50 करोड़ लोगों से प्रॉपर्टी में निवेश कराया। निवेशकों को फर्जी अलॉटमेंट लेटर थमाकर निवेश करवाया और पैसे हड़प लिए। ग्रुप का मालिक अरेस्ट कर लिया गया है।
अभी तक 14 प्रॉपर्टियों में से 8 रोपड़ में है। फिरोजपुर के जीरा और मोहाली में दर्ज मामलों में अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसआईटी की ओर से लोढ़ा कमेटी से इस बारे में रिकॉर्ड भी साझा किए हैं। इससे पहले पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त लोढ़ा कमेटी को सहयोग की बात कही थी। सबूत मिलने के बाद विजिलेंस ने एसआईटी का भी गठन कर दिया है, जिसका नेतृत्व एक एआईजी स्तर का अधिकारी करेगा।
इन प्रॉपर्टी की पहचान
- लुधियाना के करीमपुर तहसील दाखा में 4 एकड़ 1 कनाल 14 मरला।
- नवांशहर के तपड़ियां में 18 एकड़
- रोपड़ के मौजिदिनपुर में 51 कनाल, गुरु में 75 कनाल, खंडोला में 135 कनाल, खंडोला में 10 एकड़ जमीन, गांव 45 कनाल, सुलेमान में 219 कनाल, अटारी में 46 कनाल जमीन।
- बठिंडा में कॉमर्शियल प्लॉट, मछली मार्केट के सामने पुराना अस्पताल कॉमर्शियल प्लॉट 21780 स्क्वेयर यार्ड, प्राइवेट लिमिटेड मॉल रोड पर 4.5 एकड़ जमीन, भोखरा में कॉमर्शियल प्लॉट 1 कनाल जमीन, मोहाली में कॉमर्शियल प्लॉट।
क्या है मामला
बता दें कि पर्ल्स ग्रुप ने पंजाब सहित देशभर में 5 करोड़ आम लोगों से खेती और रियल एस्टेट जैसे कारोबार में पैसे लगाने के नाम पर 60,000 करोड़ रुपए की राशि जुटाई, जिसमें से अकले पंजाब में करीब 10 लाख लोगों से ठगी की गई है। कंपनी ने यह निवेश 18 वर्षों के दौरान गैरकानूनी तरीके से हासिल किया। जब लौटाने का समय आया तो कंपनी पीछे हटने लगी। तब इस मामले में सेबी ने दखल दिया था और मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। वहीं इस ठगी के शिकार लोगों को न्याय दिलाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ग्रुप की संपत्तियां बेचकर लोगों के पैसे की भरपाई कराने का वादा किया था।
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