रिश्वतखोरी के मामले में पटवारी गिरफ्तार, पुलिस को मिला 2 दिनों का रिमांड

Edited By Subhash Kapoor,Updated: 25 Apr, 2025 01:01 AM

patwari arrested in bribery case police got 2 days remand

विजीलैंस द्वारा 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार आरोपी पटवारी हरप्रीत सिंह का अदालत ने 2 दिन के लिए रिमांड दिया है। बता दें कि पटवारी हरप्रीत सिंह को बीते दिन विजीलैंस टीम ने गिरफ्तार किया था।

अमृतसर (इन्द्रजीत): विजीलैंस द्वारा 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार आरोपी पटवारी हरप्रीत सिंह का अदालत ने 2 दिन के लिए रिमांड दिया है। बता दें कि पटवारी हरप्रीत सिंह को बीते दिन विजीलैंस टीम ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में उक्त आरोपी ने शिकायतकर्त्ता व्यक्ति से 2.50 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी जिसमें कहा गया था कि 2 लाख रुपए तहसीलदार और गिरदावर को मिलाकर देने थे जबकि 50 हजार रुपए वह स्वयं लेना चाहता था। प्रभावित व्यक्ति द्वारा उक्त पटवारी के खिलाफ शिकायत करने के उपरांत वी.बी. टीम ने उसे रंगे हाथ 50 हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया था। आज जब उक्त आरोपी को अदालत में पेश किया गया तो योग्य न्यायाधीश ने उसका 2 दिन का रिमांड दिया है।

इस केस के संबंधित सूचनाओं के मुताबिक उक्त पटवारी जो रिश्वत के केस में पकड़ा गया है, वास्तव में वर्तमान समय में वह उस स्थान पर तैनात ही नहीं है जिस पर काम करने के बदले उसने रिश्वत थी।

सूत्रों के माध्यम से बताया जा रहा है कि शिकायतकर्त्ता ने यह रिश्वत एक इंतकाल की कॉपी लेने के बदले देनी तय की थी। विभागीय लोगों का कहना है कि इस इंतकाल की कॉपी देने के लिए संबंधित अधिकारियों को कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि यह इंतकाल कई महीने पहले ही तैयार हो चुका है और विभाग के पास इसकी कॉपी सुरक्षित है। वही प्रश्न यह उठता है कि उस सीट पर जो नया पटवारी बैठा है, उसने इंतकाल की कॉपी देने से क्यों इंकार किया? यह रहस्य का विषय है।

प्रश्न यह भी है कि गिरफ्तार आरोपी हरप्रीत सिंह तो उस सीट पर तैनात ही नहीं था, जहां से इंतकाल की कॉपी डिलीवर करनी थी, तो सीट पर बैठा नया पटवारी भी उसे इंतकाल की कॉपी क्यों नहीं दे रहा था ? संभव है कि इस सीट पर बैठे नए पटवारी को भी वी.बी जांच में शामिल किया जा सकता है।

उधर, दूसरी तरफ सूत्रों का यह भी कहना है कि जो 2 लाख उसने तहसीलदार और गिरदावर के नाम पर मांगे हैं, इसके बारे में अंकित अधिकारियों को तनिक भी जानकारी नहीं है।

इस संबंध में एक अन्य तथ्य यह भी मिला है कि बीते दिन जब उक्त पटवारी को पकड़ा गया तो उसने सबसे पहले विजीलैंस के ही अधिकारियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की थी लेकिन वह बाल-बाल बच गए। इसका प्रमाण है कि वह गाड़ी टूटे हुए शीशों में अब भी एक स्थान पर खड़ी है। संभव है कि विजीलैंस विभाग के अधिकारी इसके लिए अलग तौर पर भी शिकायत पटवारी के खिलाफ कर सकते हैं।

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