Edited By Vatika,Updated: 22 Jul, 2025 05:08 PM

हिमाचल व पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश से जम्मू-पठानकोट से देश को जोड़ने
पठानकोट(शारदा): हिमाचल व पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश से जम्मू-पठानकोट से देश को जोड़ने वाले चक्की रेलवे ब्रिज के नीचे लैंड स्लाइडिंग हो गई है, जिससे पुल की नींव प्रभावित हो रही है। चक्की दरिया का जलस्तर अत्यधिक बढ़ गया है, जिसके पानी के तेज बहाव से भू-स्खलन की घटनाएं तेजी से सामने आ रही हैं। नदी की धारा ने पुल की नींव को कमजोर करना शुरू कर दिया है। बस यही नहीं, बल्कि भू-स्खलन को रोकने के लिए प्रशासन की तरफ से रेलवे पुल के पास बनाए गए सीमैंटेड स्टैप्स भी पानी के तेज बहाव के कारण दरिया की भेंट चढ़ गए और अब स्थिति दिन-प्रतिदिन और भी भयानक होती जा रही है। प्रशासन एवं दोनों प्रदेशों की सरकारों ने यदि मिलकर प्रयास न किए तो स्थिति बेकाबू हो सकती है।
स्थानीय निवासियों और प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो यह केवल शुरूआत है। यदि वर्षा का यही सिलसिला जारी रहा तो रेलवे पुल की नींव पूरी तरह से कमजोर हो सकती है। पुल के पिलरों के नीचे से लगातार मिट्टी खिसक रही है। यह स्थिति किसी भी समय बड़े हादसे का रूप ले सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि नदी की यह धारा ऐसे ही पुल के पायों के नीचे से कटाव करती रही, तो पूरा पुल कभी भी ढह सकता है। इलाके के लोगों में भय का माहौल है। उनका कहना है कि प्रशासन को पहले ही इस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई सालों से बरसात के मौसम में चक्की दरिया में यही स्थिति बनती है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। इस बार हालात और भी चिंताजनक हैं, क्योंकि पानी की रफ्तार बहुत तेज है और लगातार नई-नई जगहों पर कटाव हो रहा है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि स्थिति का तुरंत संज्ञान लिया जाए। उन्होंने मांग की है कि नदी के किनारे मजबूत सुरक्षा दीवार बनाई जाए, पिलरों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाए जाएं और प्रभावित क्षेत्रों में स्थायी क्रेटिंग प्रणाली लागू की जाए, साथ ही रेलवे विभाग से भी निवेदन किया गया है कि पुल की तकनीकी जांच तुरंत करवाई जाए।
चक्की दरिया का उफान पर आना भारी खतरे का संकेत
चक्की दरिया का उफान पर आना भारी खतरे का संकेत है, यदि समय रहते सही कदम नहीं उठाए गए तो पुल का अस्तित्व खतरे में पड़ सकता है। इसका असर न केवल रेलवे यातायात पर पड़ेगा, बल्कि लोगों की जान-माल पर भी भारी खतरा उत्पन्न हो सकता है, क्योंकि यह इलाका एक व्यस्त रेलवे मार्ग पर स्थित है और इसके टूटने से आस-पास के गांवों और शहरों का संपर्क पूरी तरह कट सकता है। चक्की दरिया की इस तबाही ने एक बार फिर हमें चेतावनी दी है कि प्रकृति के सामने लापरवाही घातक हो सकती है। जरूरत है कि इस संकट को गंभीरता से लिया जाए और तुरंत राहत एवं सुरक्षा कार्य शुरू किए जाएं ताकि कोई बड़ी अनहोनी न हो।
एस.डी.एम. इंदौरा ने लिया मौके का जायजा
चक्की दरिया की चपेट में आने के बाद जहां पंजाब के प्रशासन की ओर से मौके का जायजा लिया गया, वहीं चक्की पुल का वह क्षेत्र जिस जगह पर लैंड स्लाइडिंग हुई है, वह हिमाचल क्षेत्र में आने के चलते एस.डी.एम. इंदौरा सुरेन्द्र ठाकुर मौके पर पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि ऊपर तेज बारिश होने के चलते चक्की में पानी का बहाव काफी तेज था, जिसके चलते जहां पुल की सुरक्षा हेतु नीचे लगाए गए सीमेंटेड स्टैप्स नीचे गिर गए हैं, लेकिन पुल को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि जांच जारी है और जो भी तथ्य सामने आएंगे उसे देखकर पुल की सुरक्षा को और बढ़ाया जाएगा।