Edited By Sunita sarangal,Updated: 26 Mar, 2023 08:29 AM

नए सैशन से पहले सरकार की निजी स्कूलों पर पैनी नजर है। स्कूल शिक्षा विभाग की टीमों ने.....
लुधियाना: नए सैशन से पहले सरकार की निजी स्कूलों पर पैनी नजर है। स्कूल शिक्षा विभाग की टीमों ने अपने स्तर पर सूचना जुटानी शुरू कर दी है कि स्कूलों ने इस बार कितनी फीस बढ़ौतरी की है। बच्चों की वर्दी और किताबों की लिस्ट में पिछले वर्ष की अपेक्षा हुए बदलाव की जानकारी भी ली जा रही है। विभाग द्वारा पिछले दिनों से जारी ई-मेल आई.डी. पर कई अभिभावकों ने शिकायतें दर्ज करवाई हैं। वहीं इस संबंध में आज शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी किया है जिसमें सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों में पंजाब रैगुलेशन ऑफ फीस एंड अनएडिड एजुकेशन इंस्टीच्यूशन्स एक्ट 2016 में दर्ज फीस, वर्दी और किताबों के संबंध में दिशा-निर्देश निजी स्कूलों में लागू करवाने के लिए कहा गया है।
लिंक पर शो नहीं हो रही स्कूलों की जानकारी
सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए गए हैं कि निजी स्कूलों को फीसों के संबंध में जानकारी देने के लिए पंजाब पोर्टल पर लिंक दिया गया है लेकिन अधिकतर निजी स्कूलों की कोई जानकारी ‘शो’ नहीं हो रही है। विभाग ने कहा कि अब बच्चों का नया सैशन शुरू हो रहा है और प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीसों के संबंध में पूरे पंजाब से बहुत सारी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। नए सैशन के दौरान विद्यार्थी/अभिभावकों की सुविधा के लिए पब्लिक डोमेन में हर एक स्कूल की फीस ‘शो’ करने के आदेश जारी किए गए हैं इसलिए स्कूलों को समय पर यह सूचना अपडेट करनी होगी। संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने अंतर्गत आते सभी प्राइवेट स्कूलों को निर्देश दें कि ई-पंजाब पोर्टल पर संबंधित स्कूल अपनी आई.डी. के माध्यम से फीसों के सम्बन्ध में मुकम्मल जानकारी उपलब्ध करवाएं।
फिर देरी से जागा शिक्षा विभाग
पंजाब का स्कूल शिक्षा विभाग अपनी आदत के अनुसार इस बार भी लेट ही नींद से जागा है। पंजाब के अधिकतर निजी स्कूलों में नए सैशन की शुरूआत हो चुकी है। हालांकि सी.बी.एस.ई. द्वारा 1 अप्रैल से सैशन शुरू करने की बात कही गई है लेकिन सी.बी.एस.ई. के आदेश आने से पहले ही अधिकतर निजी स्कूलों द्वारा सैशन की शुरूआत कर दी गई थी। सी.बी.एस.ई. के आदेश प्राप्त होने के बाद इन स्कूलों द्वारा फिलहाल कुछ दिन की छुट्टियां की गई हैं लेकिन इन स्कूलों से संबंधित किताब और वर्दी विक्रेता अपना माल बेचकर मोटा मुनाफा कमा चुके हैं। अभिभावकों का कहना है कि ऐसा हर साल होता है। जब सब कुछ हो जाता है तो विभाग द्वारा ऐसे आदेश पत्र जारी किए जाते हैं जिनका कोई मतलब नहीं बनता।
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