35 साल बाद भी घल्लूघारा के पीड़ित परिवारों को नहीं मिला इंसाफ

Edited By swetha,Updated: 06 Jun, 2019 08:33 AM

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6 जून का घल्लूघारा को 35 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक पीड़ित परिवारों इंसाफ के लिए भटक रहे हैं। कई सरकारें आई और गईं, लेकिन इतने वर्षों में किसी ने भी पीड़ित परिवारों की सार नहीं ली । राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक की खातिर हर तरह के हत्थकंडे अपना कर...

अमृतसर(दीपक): 6 जून का घल्लूघारा को 35 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक पीड़ित परिवारों इंसाफ के लिए भटक रहे हैं। कई सरकारें आई और गईं, लेकिन इतने वर्षों में किसी ने भी पीड़ित परिवारों की सार नहीं ली । राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक की खातिर हर तरह के हत्थकंडे अपना कर सिर्फ सत्ता का आनंद लेती रहीं हैं।

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इसमें कोई संदेह नहीं कि घल्लूघारा सिर्फ शहीदों के नाम पर उन्हें श्रद्धांजलि समर्पित करने का एक साधन बन कर रह गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी जो सबसे अधिक इस घल्लूघारा से प्रभावित हुई, के प्रबंधक अब इंसाफ की मांग करते-करते थक चुके हैं। केंद्र सरकार के कई मंत्री व प्रधानमंत्री श्री हरिमन्दिर साहिब में नतमस्तक होने के लिए आए, लेकिन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से हर बार दिए गए मांग पत्रों को हमेशा ये शख्सियतें अनदेखा करती रहीं।

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पूर्व रक्षा मंत्री स्व. जॉर्ज फर्नांडीज ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को एक पत्र के माध्यम से स्पष्ट कर दिया था कि ब्लू स्टार के दौरान जब्त किया गया सिख रैफरैंस पुस्तकालय का रिकार्ड उनके पास मौजूद नहीं है। परन्तु अब सवाल यह उठता है कि 35 वर्ष बीतने के बावजूद आज तक यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वह रिकार्ड कहां गया। पंथ रतन स्व. जत्थेदार गुरचरन सिंह टोहड़ा ने ब्लू स्टार के दौरान  तेजा सिंह समुद्री हाल और अन्य इमारतों को जो नुक्सान पहुंचा था, उसका मुआवजा लेने के लिए साल 1986 में सुप्रीम कोर्ट में 1 हजार करोड़ रुपए का दावा किया था, लेकिन सिख समुदाय को आज तक इंसाफ नहीं मिला और न ही आज तक कोई फैसला  आया है।   

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किसी भी सरकार ने नहीं की पीड़ितों की सहायता: लौंगोवाल 
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मौजूदा प्रधान भाई गोबिन्द सिंह लौंगोवाल ने बताया कि 35 वर्ष बीतने के बावजूद किसी भी सरकार ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की मांगों को आज तक पूरा करने के लिए प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मांगें पूरी करने के लिए किसी भी सरकार ने सहायता नहीं की। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी पार्टी की सरकार को दोषी नहीं ठहराता परन्तु इस मामले को सभी राजनीतिक और धार्मिक पार्टियों को मिल कर सिख धार्मिक विरासत को पुनर्जीवित करने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि सिख समुदाय को जहां दिल्ली के दंगों से इंसाफ दिलाया इसी लड़ी के अंतर्गत साका नीला तारा में हुए नुक्सान की कमी को पूरा करने के लिए विशेष तौर पर हस्तक्षेप करें क्योंकि साका घल्लूघारा सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। इसलिए अब इनकी मांगों को पूरा करना आवश्यक है। 

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