Edited By Vatika,Updated: 22 Jun, 2023 08:25 AM

एम्स दिल्ली के प्रो. डा. अतुल अम्बेकर और पी.जी.आई. में मनोविज्ञान के प्रोफैसर और प्रमुख डा. देबाशीष बासु सहित प्रमुख वक्ताओं ने हिस्सा लिया।
चंडीगढ़: पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार नशों के प्रयोग को अपराध मुक्त करने के लिए नीति लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि अपराध मुक्त करने का यह भाव नहीं है कि नशे वैध हो जाएंगे, यह गैर- कानूनी और रोक-अधीन ही रहेंगे।
इस नीति का मकसद नशा-ग्रसित या नशीले पदार्थों का प्रयोग करने वाले मरीजों-जोकि मामूली मात्रा में नशीले पदार्थों के साथ पकड़े जाएंगे, को जेलों में फैंकने की बजाय इलाज करवाना और पुनर्वास के लिए नशामुक्ति केंद्रों में भेजना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशा तस्करी में शामिल व्यक्तियों के साथ पुलिस की तरफ से सख्ती से ही निपटा जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री यहां सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक, सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डा. बलजीत कौर के साथ ‘पंजाब में मानसिक स्वास्थ्य मुद्दों और दखलअंदाजी संबंधी माहिरों की मीटिंग’ की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसमें एम्स दिल्ली के प्रो. डा. अतुल अम्बेकर और पी.जी.आई. में मनोविज्ञान के प्रोफैसर और प्रमुख डा. देबाशीष बासु सहित प्रमुख वक्ताओं ने हिस्सा लिया।
डा. बलबीर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से एक नीति बनाई जा रही है, जिस मुताबिक हालात से निपटने के लिए बहु-आयामी और बहु-अनुशासनात्मक पहुंच को प्राथमिक आधार पर इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम नशों की समस्या से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक सुरक्षा, युवा मामले व शिक्षा समेत सभी विभागों के दरमियान तालमेल के जरिए काम करने की योजना बना रहे हैं।