Edited By Vatika,Updated: 28 Dec, 2023 10:30 AM
हाईकमान का फैसला मानना चाहिए जबकि पंजाब के कांग्रेसी नेता किसी भी कीमत पर 'आप' के साथ गठबंधन नहीं चाहते।
चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा पार्टी लाइन से अलग हटकर बठिंडा जिले के महराज गांव में की गई रैली उनके गले का फांस बनती नजर आ रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा किसी भी सूरत में सिद्धू को लपेटने के मूड में हैं।
मौजूदा हालात में सिद्धू के लिए पार्टी में अपना अस्तित्व बचाना आसान नहीं है क्योंकि उनके विरोधियों की तादाद लगातार बढ़ रही है। बाजवा ने तो सिद्धू को अलग अखाड़ा न लगाने का मशविरा दिया था लेकिन 2 हफ्ते की चुप्पी तोड़ते हुए वडिंग ने तो सीधे सिद्धू को पार्टी से बाहर करने की बात कह दी है। हालांकि पंजाब कांग्रेस प्रधान ने सिद्धू का नाम नहीं लिया मगर उनके बयान से साफ जाहिर था कि निशाना सिद्धू पर ही था।
गौरतलब है कि वडिंग ने कहा था कि पार्टी में अनुशासनहीनता किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पार्टी पहले ही 2022 के विधानसभा चुनावों में इसका नुकसान झेल चुकी है जब कोई नेता कुछ बोलता था और कोई नेता कुछ और। वडिंग ने नाम तो किसी का नहीं लिया मगर यह सभी जानते हैं कि गत चुनाव में नवजोत सिद्धू और चरणजीत सिंह चन्नी के बयानों में विरोधाभास होता था। तब चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री थे जबकि सिद्ध प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। सिद्धू पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर भी कह चुके हैं कि हाईकमान का फैसला मानना चाहिए जबकि पंजाब के कांग्रेसी नेता किसी भी कीमत पर 'आप' के साथ गठबंधन नहीं चाहते।