Edited By Vatika,Updated: 08 Jan, 2025 11:15 AM
21 दिसंबर को हुए जालंधर नगर निगम के चुनाव में 85 पार्षद चुनकर आए थे और
जालंधर (खुराना): 21 दिसंबर को हुए जालंधर नगर निगम के चुनाव में 85 पार्षद चुनकर आए थे और हाउस में बहुमत का आंकड़ा 43 था। इन चुनावों में कोई भी राजनीतिक दल बहुमत का आंकड़ा प्राप्त नहीं कर पाया था परंतु सत्तापक्ष यानी आम आदमी पार्टी को सर्वाधिक 38 सीटें प्राप्त हुई थीं और बहुमत के लिए उसके पास पांच पार्षद कम थे। ऐसे भी राजनीतिक उथल पुथल और जोड़ तोड़ का सिलसिला शुरू हुआ और आम आदमी पार्टी ने कुछ दिन की मेहनत के बाद अपने खेमे में 6 और पार्षद जुटा लिए जिनमें से दो कांग्रेस के, दो भाजपा के और दो पार्षद आजाद रूप से जीते थे ।
इन 6 पार्षदों के शामिल होने के बाद आप ने बहुमत प्राप्त करते हुए अपने खेमे में 44 पार्षद कर लिए। पता चला है कि इसके बाद भी आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कई नवनिर्वाचित पार्षदों से बातचीत चलाई और उन्हें आप में शामिल होने हेतु जोर लगाया परंतु उसके बाद किसी भी पार्षद ने आप ज्वाइन नहीं की। अब जबकि जालंधर नगर निगम के पार्षद हाउस की बैठक होने जा रही है और आम आदमी पार्टी के पास 44 पार्षदों के होते हुए बहुमत भी है परंतु बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर हाउस की इस बैठक में ‘आप’ के दो पार्षद भी गैर हाजिर हो गए तो आम आदमी पार्टी को जालंधर में अपना मेयर बनाना मुश्किल हो सकता है। अनुपस्थिति की ऐसी स्थिति में आप के पास 42 पार्षद रह जाएंगे और अगर हाथ खड़े करके मेयर के चुनाव की नौबत आई तो 42 पार्षदों से मेयर का चुनाव नहीं हो पाएगा। ऐसे में सत्तापक्ष को क्रॉस वोटिंग के सहारे निर्भर रहना होगा जो संभव हो पाती है या नहीं यह भविष्य के गर्त में है।
नगर निगम के टाउन हॉल में नहीं बल्कि रैडक्रॉस भवन में होगी बैठक
आज तक जालंधर में जितने भी मेयर बने हैं उनका चुनाव नगर निगम के अपने टाउन हॉल में ही हुआ है। इस समय भी नगर निगम की मेन बिल्डिंग में दूसरी मंजिल पर टाउन हॉल बना हुआ है परंतु वह इतना छोटा है कि वहां 85 पार्षद, 40-42 पार्षदपति और निगम के अफसर , मीडिया प्रतिनिधि इत्यादि नहीं आ सकेंगे। माना जा रहा है कि इस बैठक में कुछ विधायक भी मौजूद रहेंगे और आम आदमी पार्टी का नेतृत्व भी इस बैठक में शामिल होगा, ऐसे में निगम प्रशासन ने हाउस की पहली बैठक रैडक्रॉस भवन में करवाने की तैयारियां प्रारंभ कर रखी हैं । गौरतलब है कि कोरोना काल में भी पार्षद हाउस की कई बैठकें रैडक्रॉस भवन में आयोजित हो चुकी हैं ।
इसी सप्ताह के अंत में होगी बैठक, जनरल केटेगरी का होगा मेयर
दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के चलते अब आम आदमी पार्टी ने जालंधर में अपना मेयर बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पता चला है कि दूसरे शहर के डिविजनल कमिश्नर को जालंधर डिवीजन का चार्ज सौंप कर इसी सप्ताह के अंत में पार्षद हाउस की बैठक बुलाई जा रही है जिसमें मेयर का चुनाव करवाया जाएगा। पंजाब सरकार ने पांच नगर निगमों के मेयरों हेतु जो रिजर्वेशन रोस्टर घोषित किया है, उसके अनुसार जालंधर में मेयर जनरल (ओपन) कैटेगरी का होगा। आम आदमी पार्टी पहले से ही यहां जनरल कैटेगरी से और हिंदू मेयर बनाने जा रही है जिस बाबत फैसला लगभग लिया जा चुका है। पता चला है कि आम आदमी पार्टी पंजाब के शहरों से जीते पार्षदों और मेयर इत्यादि को दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार हेतु भी भेजने जा रही है जिस कारण सभी शहरों में मेयरों के चुनाव की प्रक्रिया अमल में लाई जा रही है।
फार्महाउस में हुई बैठक से राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छिड़ी
जालंधर में कुछ ही दिनों बाद नए मेयर का चुनाव होने जा रहा है और आम आदमी पार्टी के पास बहुमत से केवल एक पार्षद ज्यादा है। ऐसे में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस भी यह प्रयास कर रही है कि पार्षद हाउस की बैठक में क्रॉस वोटिंग करवाके आम आदमी पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा की जाएं। गौरतलब है कि बहुमत जुटाने के लिए आम आदमी पार्टी कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित पार्षदों को अपने खेमे में शामिल कर चुकी है। ऐसे में जिला कांग्रेस का नेतृत्व भी शतरंज चाल खेलने में लगा हुआ है। पता चला है कि पिछले दिनों शहर के बाहरी हिस्से में स्थित एक फार्म हाउस में शहर के गणमान्यों की एक बैठक हुई जिसमें ज्यादातर चर्चा निगम चुनाव से संबंधित रही। उस फार्महाउस में हुई बैठक में खेल प्रमोटर सुरेंद्र भापा भी मौजूद थे जिनकी पत्नी हरशरण कौर हैप्पी हाल ही में कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीती हैं। उस बैठक में आम आदमी पार्टी के रणनीतिकार तथा उद्योगपतियों के अलावा राजनीतिक पैठ रखने वाले किंग मेकर व अन्य मौजूद थे। इतना तो ज्ञात है कि उस बैठक में मौजूदा राजनीतिक हालात और निगम में विभिन्न पार्टियों की स्थिति पर खुलकर चर्चा हुई परंतु आखिर में क्या प्लानिंग बनाई गई इस बारे ज्यादा पता नहीं चल पाया। इतना जरूर है कि ऐसी बैठकों पर जालंधर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं और तमाम राजनीतिक गतिविधियों का पूरा ख्याल रखा जा रहा है.