Edited By Vatika,Updated: 25 Sep, 2023 12:27 PM

चंडीगढ़ बुलाया गया था और चारों जोनों का स्टाफ रविवार को भी नक्शा फाइनल करने में जुटा रहा।
लुधियाना (हितेश): नगर निगम चुनाव में देरी की वजह बन रही नई वार्डबंदी आखिर फाइनल हो गई है, जिसे लेकर जल्द नोटिफिकेशन जारी हो सकता है। यहां बताना उचित होगा कि नगर निगम के जनरल हाऊस का कार्यकाल अप्रैल के दौरान पूरा हो गया था लेकिन अब तक सरकार द्वारा दोबारा नगर निगम चुनाव करवाने के लिए शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। जिसके लिए नए सिरे से वार्डबंदी फाइनल होने का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि नए सिरे से वार्डबंदी करवाने का फैसला पिछले साल जून में ले लिया गया था लेकिन इस काम के लिए लोकल बॉडीज विभाग द्वारा फिक्स की गई एक हफ्ते की डेडलाइन के मुकाबले अब तक यह प्रक्रिया मुकम्मल नहीं हो पाई है। जिसकी वजह यह है कि पहले नगर निगम द्वारा आबादी का डोर टू डोर सर्वे पूरा करने में ही काफी देर हो गई।
फिर विधायकों द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार वार्डों की बाउंड्री व रिजर्वेशन में बदलाव करने में काफी समय लगा दिया गया जिसके चलते नई वार्डबंदी का ड्राफ़्ट 4 अगस्त को जारी हो पाया, जिस पर एतराज दर्ज करने की प्रक्रिया एक हफ्ते के भीतर मुक्कमल होने के बावजूद अब तक फाइनल नोटीफिकेशन जारी नहीं किया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिए अब सरकार की हरी झंडी मिल गई है, जिसके संकेत इस बात से मिल रहे हैं कि नगर निगम द्वारा पिछले दिनों आनन- फानन में नई वार्डबंदी की रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेज दी गई है जिसके आधार पर जल्द फाइनल नोटिफिकेशन जारी हो सकता है, जिसके लिए शनिवार को नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच के अधिकारियों को चंडीगढ़ बुलाया गया था और चारों जोनों का स्टाफ रविवार को भी नक्शा फाइनल करने में जुटा रहा।
सुने बिना एतराज रद्द करने की चर्चा
नई वार्डबंदी के ड्राफ़्ट नोटिफिकेशन पर विरोधी पार्टियों द्वारा जमकर हंगामा किया गया है, जिनके मुताबिक विरोधी पार्टियों के मजबूत स्थिति वाले नेताओं की सियासी जमीन छीनने के उद्देश्य से विधायकों द्वारा वार्डों की बाउंड्री व रिजर्वेशन किया गया है। इस दौरान नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सियासी पार्टियों के जनरल पब्लिक व एन जी ओ के सदस्यों द्वारा भी एतराज दर्ज किए गए थे, जिनका आंकड़ा करीब 170 बताया जा रहा है। इन एतराजओं पर फैसला लेने की जिम्मेदारी नगर निगम को दी गई है, लेकिन नगर निगम द्वारा एतराज दर्ज करने वाले लोगों को निजी सुनवाई के लिए मोका नहीं दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक नगर निगम द्वारा सिर्फ उन एतराजओं के आधार पर वार्डबंदी में कुछ बदलाव किया गया है, जो एतराज विधायकों द्वारा अपनी सुविधा के अनुसार दाखिल करवाए गए। जहां तक बाकी एतराजओं का सवाल है, उन्हें सुने बिना रद्द करने की चर्चा हो रही है
कमेटी की बैठक को लेकर सस्पेंस बरकरार
नियमों के मुताबिक नए सिरे से वार्डबंदी का ड्राफ़्ट बनाने से लेकर फाइनल करने की प्रक्रिया डायरेक्टर लोकल बॉडी की अगुवाई वाली कमेटी की निगरानी में होनी चाहिए। हालांकि सरकार दुआरा इस कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें अधिकारियों के साथ मेयर व विरोधी पार्टियों के पार्षदों को भी शामिल किया गया था लेकिन अब नगर निगम के जनरल हाऊस का कार्यकाल पूरा हो गया है तो पूर्व मेयर या पार्षदों को इस प्रकिया से दूर कर दिया गया है, जिसके तहत वार्डबंदी के ड्राफ़्ट नोटिफिकेशन में कमेटी की बैठक को लेकर कोई जिक्र नहीं किया गया है। अब भी इस बात को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि नई वार्डबंदी का फाइनल नोटिफिकेशन जारी करने के लिए किस कमेटी की मंजूरी ली जाएगी।