जालंधर निगम अधिकारियों के फूले हाथ-पांव, 3 दिन में करना होगा ये काम

Edited By Urmila,Updated: 29 Apr, 2025 10:27 AM

municipal corporation jalandhar

जालंधर निगम में कूड़ा उठाने के नाम पर हुए कथित गार्बेज लिफ्टिंग घोटाले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है।

जालंधर (खुराना): जालंधर निगम में कूड़ा उठाने के नाम पर हुए कथित गार्बेज लिफ्टिंग घोटाले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। मेयर वनीत धीर ने नगर निगम कमिश्नर गौतम जैन को पत्र लिखकर तीन दिन के भीतर इस घोटाले की विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है, जिसके बाद निगम अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए हैं। निगम अधिकारी पिछले तीन साल का रिकॉर्ड इकट्ठा करने में जुट गए हैं। दूसरी ओर, एक प्राइवेट ठेकेदार ने मेयर से मिलकर इन आरोपों को झूठा करार दिया है।

गौरतलब है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बावजूद जालंधर नगर निगम में भ्रष्टाचार थमने का नाम नहीं ले रहा। पिछले साल सामने आए इस घोटाले में एक प्राइवेट ठेकेदार पर फर्जी बिलों के जरिए करोड़ों रुपये हड़पने का आरोप है। नई शिकायत में कहा गया है कि ठेकेदार ने पिछले तीन साल से बोगस बिलिंग की, जिसमें एक पर्ची से तीन-तीन बिल बनाए गए और जानबूझकर देरी से बिल जमा किए गए। इससे निगम को 5-7 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बिल, पर्ची और लॉगबुक का रिकॉर्ड भी ठेकेदार के पास है, न कि निगम के पास।

दो साल पहले समाचारपत्रों ने इस घोटाले का खुलासा किया था, जिसमें ठेकेदार ने स्कूटर और दोपहिया वाहनों के नंबरों का इस्तेमाल कर फर्जी बिल बनाए। इन बिलों में दावा किया गया कि इन वाहनों से 10-10 टन कूड़ा उठाया गया, जबकि परिवहन विभाग की जांच में ये नंबर स्कूटर और दोपहिया वाहनों के निकले, जो इतना कूड़ा उठाने में सक्षम नहीं हैं। तत्कालीन निगम कमिश्नर ने जांच के आदेश दिए थे, लेकिन आरोप है कि जांच को दबा दिया गया और एक अधिकारी ने विवादित पेमेंट्स को भी रिलीज कर दिया।

मेयर के सख्त रुख के बाद अब सबकी नजर इस बात पर है कि निगम इस मामले में क्या कार्रवाई करता है। शिकायतकर्ता ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की मांग की है। गहन जांच से कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। इसी बीच केंद्रीय विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक रमन अरोड़ा ने भी इस घोटाले को लेकर मेयर वनीत धीर से मुलाकात की और मामले की जानकारी ली।

विधायक अरोड़ा ने बताया कि उन्होंने कुछ महीने पहले प्राईवेट ठेकेदार और निगम अधिकारियों की मिलीभगत के आरोपों की सच्चाई जानने के लिए दस्तावेज मांगे थे, लेकिन निगम ने न तो रिकॉर्ड दिया और न ही कोई जानकारी साझा की। सूत्रों के मुताबिक, यह मामला चंडीगढ़ में बैठे वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंच चुका है, जिन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए निगम से रिपोर्ट तलब की है। मामला सत्तापक्ष यानी आम आदमी पार्टी के नेतृत्व तक भी पहुंच गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ आरोपी निगम अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

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