Edited By Sunita sarangal,Updated: 10 Nov, 2019 08:16 AM
अमृतसर में 2 सालों में ड्रग ओवरडोज से हुई 11 मौतें
जालंधर(कमलेश): हैरोइन तस्करों पर पंजाब पुलिस शिकंजा कसने में लगी हुई है और इसके परिणामस्वरूप हैरोइन सप्लाई में हल्का कट जरूर लगा है, लेकिन ड्रग पैडलर्स ने इसका विकल्प ढूंढ लिया है। हैरोइन के विकल्प के रुप में मोर्फिन पाऊडर को सप्लाई किया जा रहा है। मोर्फिन पाऊडर की कीमत लगभग 3 से 4 हजार रुपए प्रतिग्राम है। मोर्फिन के इंजैक्शन काफी कम दामों में उपलब्ध हैं। ड्रग पैडलर्स इन्हें 500 से 700 रुपए के बीच बेच रहे हैं, जबकि इनकी असल कीमत मात्र 30 रुपए के करीब है।
स्टेट हैल्थ डिपार्टमैंट के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में पिछले 2 सालों में ड्रग ओवरडोज से हुई मौतों में अमृतसर नंबर एक पर है। अमृतसर में ड्रग की ओवरडोज से 11 मौतें हुई हैं। वहीं लुधियाना और होशियारपुर में 8 मौतें, जालंधर और फिरोजपुर में 5 मौतें हुई हैं, जबकि ड्रग्स ने बठिंडा और गुरदासपुर में 4 जिंदगियों को लील लिया। इस बारे में सरकार का कहना है कि मौजूदा वर्ष में इन आंकड़ों में काफी कमी आई है। सरकार और पुलिस अपना काम बखूबी करने में लगी हुई है। पुलिस ने 2 सालों में एन.डी.पी.एस. के 28 हजार के करीब केस दर्ज किए हैं।
पंजाब में सख्ताई के चलते ड्रग पैडलर्स ने हिमाचल में बनाए बेस
पंजाब में ड्रग्स के प्रति पुलिस की सख्ती देखते हुए ड्रग पैडलर्स ने हिमाचल के ऊना, कांगड़ा, सोलन, सिरमौर में बेस बनाए गए हैं। हिमाचल में मौजूदा वर्ष में एन.डी.पी.एस.के 1650 के करीब केस दर्ज हुए हैं। हिमाचल के युवाओं को ड्रग्स दीमक की तरह चाट रहा है। पिछले कुछ समय में कॉलेज के कई छात्र ड्रग्स के साथ पकड़े जा चुके हैं। अगर जल्द हिमाचल सरकार की तरफ से इस पर रोक नहीं लगाई गई तो हिमाचल में भी ड्रग्स पंजाब की तरह एक बड़ा मुद्दा बन कर उभर सकता है।
हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर स्निफर डॉग्स की हो नियुक्ति
हिमाचल-पंजाब बॉर्डर पर स्निफर डाग्स की नियुक्ति से ड्रग्स की तस्करी को रोका जा सकता है। ऐसे डॉग्स को भारत में कई जगह ड्रग पैडलर्स पर लगाम लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। अधिकतर मामलों में पुलिस सिर्फ सूचना पर एक्शन लेती है, बहुत कम मामलों में वाहनों की चैकिंग की जाती है और सिर्फ वाहन से जुड़े हुए कागजातों को चैक किया जाता है। ऐसे में स्निफर डॉग्स पुलिस के लिए काफी सहायक हो सकते हैं।