Edited By Kamini,Updated: 25 Jul, 2025 07:04 PM

माता चिंतपूर्णी के मेलों में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अहम खबर सामने आई है। द
होशियारपुर : माता चिंतपूर्णी के मेले आज से शुरू हो गए हैं। माता चिंतपूर्णी के मेलों में जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक अहम खबर सामने आई है। दरअसल, होशियारपुर प्रशासन लंगरों के लिए '100 प्रतिशत प्लास्टिक निषेध मिशन' के साथ मैदान में उतर आया है। डीसी आशिका जैन ने बताया कि 'चड्डा सूरज' पहल के तहत, जिला प्रशासन और रेडक्रॉस सोसाइटी इस बार माता चिंतपूर्णी मेले के दौरान होशियारपुर सीमा पर लगने वाले लंगरों को 100 प्रतिशत सिंगल-यूज प्लास्टिक से मुक्त बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वह आज जिला प्रशासनिक परिसर में एक विशेष प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने मीडिया के माध्यम से '100 प्रतिशत प्लास्टिक निषेध मिशन' के बारे में जन सहयोग और जागरूकता की भी अपील की।
डीसी ने स्पष्ट किया कि होशियारपुर के 20 से अधिक गैर सरकारी संगठन इस पहल को लागू करने के लिए आगे आए हैं, जिनमें से 150 स्वयंसेवकों के अलावा नागरिक सुरक्षा के 150 स्वयंसेवक, कुल 300 से अधिक स्वयंसेवकों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। आदमवाल से होशियारपुर सीमा तक लंगरों में इनकी शिफ्ट लगाई गई है। इस दौरान, ये स्वयंसेवक स्टॉलों और लंगर पंडालों की नियमित सफाई की निगरानी करेंगे, 100 प्रतिशत प्लास्टिक मुक्त पंडाल सुनिश्चित करेंगे, श्रद्धालुओं को 'नो प्लास्टिक मिशन' के बारे में जागरूक करेंगे, कचरा प्रबंधन में सहायता करेंगे और 10 दिनों तक नियमित रूप से सर्वश्रेष्ठ स्टॉलों की रिपोर्ट देंगे।
डीसी ने कहा कि हमारा उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल वातावरण प्रदान करना है, बल्कि यह अन्य धार्मिक मेलों और आयोजनों के लिए भी एक मार्गदर्शक है। उन्होंने मीडिया से इस सकारात्मक अभियान को व्यापक कवरेज देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मेले में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशासन पुरस्कृत करेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता और पर्यावरण संबंधी दिशानिर्देशों का पालन करने वाले सर्वश्रेष्ठ प्लास्टिक मुक्त लंगर या स्टॉल को भी पुरस्कार मिलेगा। अपनी सेवा के माध्यम से मिसाल कायम करने वाले सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवक को भी सम्मानित किया जाएगा।
मेले को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रशासन द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं। मेले में कपड़े के थैले वितरण केंद्र, पेयजल व्यवस्था, अतिरिक्त कूड़ेदान और सफाई दल तैनात किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार जिला प्रशासन, नगर निगम, प्रदूषण नियंत्रण विभाग, ग्रामीण विकास विभाग के सहयोग से उन लंगर समितियों को 5 लाख रुपये तक की कीमत के पर्यावरण-अनुकूल प्लेटें, चम्मच आदि उपलब्ध कराएगा जो अनजाने में सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग कर रही हैं। उन्होंने सभी लंगर समितियों से सिंगल-यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न करने की अपील की।
उपायुक्त ने कहा कि यह केवल प्रशासन की ही नहीं, बल्कि हम सबकी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने श्रद्धालुओं से कपड़े या जूट के थैले और पानी की बोतलें लाने की अपील की। दुकानदार पर्यावरण-अनुकूल पैकेजिंग अपनाएं और सेवादार श्रद्धालुओं की मदद करें। उन्होंने कहा कि 'उगता सूरज' केवल एक अभियान नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों को एक स्वच्छ और हरा-भरा भविष्य देने की शुरुआत है। इसलिए हमें माता से केवल प्रार्थना ही नहीं करनी चाहिए, बल्कि स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त वातावरण भी प्रदान करना चाहिए। यह मेला केवल एक धार्मिक आयोजन न होकर पर्यावरण क्रांति की मशाल बनना चाहिए।
आशिका जैन ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है और कोई भी श्रद्धालु किसी भी आपात स्थिति में नियंत्रण कक्ष के नंबर 01882-292570 पर संपर्क कर सकता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से भारी वाहनों का प्रयोग न करने और बसों की छतों पर यात्रा करने से बचने की अपील की। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिला प्रशासन द्वारा यातायात नियंत्रण, सुरक्षा, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाओं के विशेष प्रबंध किए गए हैं। इस अवसर पर सचिव रेडक्रॉस सोसाइटी मंगेश सूद, संयुक्त सचिव आदित्य राणा, रेडक्रॉस सोसाइटी के सदस्य, गैर सरकारी संगठन और स्वयंसेवक भी उपस्थित थे।
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