Edited By Kamini,Updated: 26 Dec, 2024 06:45 PM
नगर निगम चुनाव का शोर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
लुधियाना : नगर निगम चुनाव का शोर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले AAP विधायक गुरप्रीत गोगी की पत्नी द्वारा चुनाव हारने पर डीसी को जिम्मेदार ठहराया, वहीं अब विधायक अशोक पराशर पप्पी ने भी प्रशासन पर सवार उठाए है। यहीं नहीं विधायक पराशर के साथ-साथ मदन लाल बग्गा भी लगातार उंगलिया उठा रहे हैं।
गौरतलब है कि, हाल ही में हुए नीगम चुनाव में आम आदमी पार्टी के 4 में 2 विधायकों के बेटे तो चुनाव जीत गए, मगर 2 विधायकों अशोक पप्पी और गुरप्रीत गोगी की पत्नीयां चुनाव हार गई है। पप्पी और गोगी की पत्नीयों के चुनाव हारने पर दोनों विधायकों ने लुधियाना डीसी जतिंदर जोरवाल को जिम्मेदार ठहराया है। विधायकों का कहना है कि 21 दिसंबर निगम चुनाव के दिन सैकडों वोटरों के नाम ही वोटर सूची से गायब थे। हैरानी की बात तो यह थी कि जो लोग मर चुके है उनके नाम तो वोटर सूची में थे मगर जो लोग जिंदा है, उनके नाम वोटर सूची में से गायब थे। लोग बार-बार उन्हें फोन करते रहे और वोटर सूची से लोगों के नाम न होने के कारण वह वोट नहीं कर सके।
विधायक गोगी ने कहा उनकी पत्नी मात्र 80 वोटों से चुनाव हारी है, अगर वोट डालने वाले सैकडों लोग वोट डालने में सफल होते तो उनकी पत्नी की जीत पक्की थी। इस गलती का जिम्मेदार विधायक ने डीसी को बताया है। वही पराशर पप्पी का कहना है कि नगर निगम चुनाव 2024 की वोटर सूची की जगह 2023 की वोटर सूची के मुताबिक करवाए गए है। क्योंकि उनके हलके में 2024 में हजारों नई वोटें बनी थी और इस मामले को लेकर वह डीसी से भी मिले थे, लेकिन डीसी ने 2024 के मुताबिक वोटर सूची करवाने से साफ इनकार कर दिया था। आप विधायक गोगी और पप्पी ने कहा कि अगर 2024 की वोटर सूची के मुताबिक चुनाव होते तो पार्टी लुधियाना में 70 से ज्यादा वार्ड सीटें जीत सकती थी जिसका फायदे सिर्फ उन्हें ही नहीं बल्कि पार्टी को भी होता। विधायकों ने कहा कि व जल्द ही मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस संबंधी मिलकर बात करेंगे।
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