हल्का वेस्ट उपचुनाव: चंद मिनटों की हाजिरी ने खोली कांग्रेस की पोल, सियासी गलियारों में बढ़ी हलचल

Edited By Urmila,Updated: 02 Jun, 2025 12:23 PM

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आशु द्वारा नामांकन दाखिल करने के दौरान पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग का समर्थन मिलने का दावा किया गया था

लुधियाना (ब्यूरो):  हल्का वेस्ट में हो रहे उप चुनाव के दौरान जिस तरह आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा को जिताने के लिए आप सुप्रीमो अरविन्द केजरीवाल, मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ मंत्रियों, विधायकों व पार्टी के दिग्गज नेताओं ने ग्राउंड जीरो पर पहुंच कर मोर्चा संभाल रखा है। उसके मुकाबले कांग्रेस के उम्मीदवार आशु को स्टेट व लोकल लीडरशिप का पूरी तरह से साथ नहीं मिल रहा है

हालांकि आशु द्वारा नामांकन दाखिल करने के दौरान पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग का समर्थन मिलने का दावा किया गया था लेकिन आशु और वडिंग की यह दोस्ती दिखावे की ही थी, जिसके तहत प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल के साथ चंद मिंटो की हाजिरी के बाद पंजाब कांग्रेस प्रधान ने फिर हल्का वेस्ट के उप चुनाव से किनारा कर लिया है और लोकल लीडरशिप ने भी दूरी बनाई हुई है।

इसकी शुरूआत खुद आशु ने ही होर्डिंग्स पर पंजाब कांग्रेस के प्रधान राजा वडिंग व नेता विपक्ष प्रताप बाजवा की फोटो न लगाकर की थी और इसका जवाब राजा वडिंग द्वारा अपने होर्डिंग से आशु की फोटो गायब करके दिया गया। इस आग में आशु ने उस समय घी डालने का काम किया, जब टिकट मिलने पर लोकल लीडरशिप के साथ घर आए पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग को मिले बिना ही बैरंग लोटा दिया गया जिसके बाद से सियासी गलियारों में आशु और वडिंग की दूरियों को लेकर चर्चा चल रही है। 

भले ही आशु के नामांकन दाखिल करने के दौरान प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल के साथ राजा वडिंग शामिल हुए जिसके दम पर आशु द्वारा पूरी कांग्रेस की हिमायत मिलने का दावा किया जा रहा है लेकिन असलियत यह है कि चंद मिंटो की हाजिरी के बाद राजा वडिंग ने एक बार फिर आशु से किनारा कर लिया है। आशु की रैली में राजा वडिंग चलकर नहीं गए और न ही दोबारा उसकी किसी मीटिंग में शामिल हुए हैं जिसका सबूत यह है कि आशु द्वारा तीन दिन के भीतर दूसरी बार बुलाई गई मीटिंग में अन्य नेताओं के साथ राजा वडिंग के अलावा लोकल लीडरशिप में शामिल संजय तलवार, राकेश पांडे, बैंस ब्रदर्स, कुलदीप वैद, जस्सी खंगुडा़ नजर नही आये।

आशु द्वारा कमलजीत कडवल से पहले करण वडिंग को भी कांग्रेस में शामिल करवाया गया है। लेकिन उस समय पंजाब प्रधान राजा वडिंग मौजूद नही थे और इसके लिए पहले उनकी सहमति नही ली गई। यहां तक कि राजा वडिंग इसके विरोध में बताए जा रहे थे, जिस बारे में उन्होंने लुधियाना में ही मौजूद प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल को भी अवगत करवा दिया था। जिसके बावजूद आशु द्वारा प्रोटोकाल तोडकर करवाई जा रही ज्वाइनिंग हाइकमान के पास पहुंच गई है। इसकी पुष्टि राजा वडिंग ने यह कहकर की है कि उन्हें कडवल को कांग्रेस में शामिल करने की जानकारी नहीं थी और अब इस मामले को हाइकमान देखेगा।

बैंस ने खड़े किए सवाल - किसके इशारे पर पार्टी छोड़कर गए थे, अब कांग्रेस में वापसी करने वाले लोग

कडवल को कांग्रेस में शामिल करवाने पर हल्का आत्म नगर के पूर्व विधायक सिमरजीत बैंस ने आशु पर जमकर भड़ास निकाली। बैंस ने कहा कि पहली बात तो पंजाब कांग्रेस प्रधान राजा वडिंग या प्रदेश प्रभारी की सहमति के बिना ज्वाइनिंग करवाई जा रही। इससे भी बढ़कर सवाल खडे़ हो रहे हैं कि अब कांग्रेस में वापसी करने वाले लोग पहले राजा वडिंग के लोकसभा चुनाव के दौरान किसके इशारे पर पार्टी छोड़कर गए थे। बैंस ने आशु का नाम लिए बिना यहां तक कह दिया कि लोकसभा चुनाव के दौरान जो लोग दिन में कांग्रेस का झंडा लेकर ड्रामा करते थे, वो रात को भाजपा को जिताने के लिए काम कर रहे थे।

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