Edited By Kalash,Updated: 01 Mar, 2025 06:29 PM
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पंजाब में लिव इन रिलेशन का ग्राफ बढ़ रहा है।
चंडीगढ़ : पंजाब में लिव इन रिलेशन का ग्राफ बढ़ रहा है। सिर्फ अविवाहित पुरुष और लड़कियां ही नहीं बल्कि विवाहित पुरुष और विवाहित महिलाएं भी लिव इन रिलेशन का सहारा लेकर समाज के बनाए पारिवारिक बंधनों को तोड़ रहे हैं। लिव इन रिलेशन को मिले कानूनी कवच ने सामाजिक रिश्तों को कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। महिलाएं अपने पतियों को लिव इन रिलेशन के जाल से बाहर नहीं निकाल पा रही हैं, तो कहीं पुरुष अपनी पत्नी के ऐसे चलन से परेशान हैं।
लिव इन रिलेशन से संबंधित शिकायतें पंजाब राज्य महिला आयोग के कार्यालय में पहुंच रही हैं। अब आयोग ने लिव इन रिलेशन की वजह से समाज में बढ़ रही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार को मामले पर कानून में संशोधन के लिए लिखने का फैसला किया है। पंजाब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष राज लाली गिल ने शुक्रवार को लिव-इन रिलेशन के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई।
पटियाला की पुलिस लाइन्स में महिलाओं की समस्याओं की सुनवाई के लिए आयोजित लोक अदालत में राज लाली गिल ने कहा कि युवक-युवतियों और यहां तक कि कई विवाहित पुरुष और महिलाएं भी लिव-इन रिलेशन की इस बुराई की ओर धकेले जा रहे हैं, जो हमारे समाज को घुन की तरह खा रही है, जिससे बचने की आवश्यकता है।
अध्यक्ष राज लाली गिल ने इस लोक अदालत में लगभग 35 मामलों की सुनवाई करते हुए कई मामलों में पुलिस के जांच अधिकारियों को फिर से जांच के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने कुछ नए केस भी सुने। उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य महिला आयोग का यह सिद्धांत है कि हर पीड़ित महिला की पूरी सुनवाई हो और उसे समयबद्ध तरीके से तर्कसंगत न्याय प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि कई पीड़ित महिलाएं मोहाली नहीं जा सकतीं, जिसके लिए आयोग द्वारा हर जिले में ऐसी लोक अदालतें लगाई जा रही हैं।
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