Jalandhar ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री को लेकर पड़ गया पंगा, लोगों के लिए बड़ी मुसीबत!

Edited By Urmila,Updated: 29 Apr, 2025 01:27 PM

joint sub registrar office in jalandhar

सब रजिस्ट्रार-2 कार्यालय में उस समय हंगामा हो गया जब ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने बस्ती दानिशमंदा से संबंधित एक रजिस्ट्री डॉक्यूमैंट को अप्रूवल देने से इंकार कर दिया।

जालंधर (चोपड़ा): सब रजिस्ट्रार-2 कार्यालय में उस समय हंगामा हो गया जब ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने बस्ती दानिशमंदा से संबंधित एक रजिस्ट्री डॉक्यूमैंट को अप्रूवल देने से इंकार कर दिया। ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने उक्त प्लाट से संबंधित एनओसी या एन.ओ.सी. की डिमांड कर डाली, जिसके बिना रजिस्ट्री करने से इंकार कर दिया। रजिस्ट्री लेकर आए अर्जीनवीस एसोसिएशन के प्रधान गुलशन सारंगल ने ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार के रवैये पर सख्त एतराज करते हुए कहा कि खसरा नंबर 521 से संबंधित यह प्लाट 20 मरला का था और करीब 2 महीने पहले इस प्लाट में से 10 मरला का प्लाट सेल कर दिया गया था और उसकी रजिस्ट्री भी हो चुकी है। परंतु अब बाकी 10 मरला की रजिस्ट्री को लेकर ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार एतराज जता रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारी कह रहे है कि इस रजिस्ट्री डॉक्यूमैंट में संबंधित कालोनी का नाम भी दर्ज किया जाए जबकि प्रॉपर्टी पुरानी आबादी से संबंधित है और किसी कालोनी का हिस्सा नहीं है। हालांकि इस रजिस्ट्री को लेकर सब रजिस्ट्रार -2 कार्यालय में देर शाम तक खासी बहसबाजी का माहौल बना रहा, परंतु ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री डॉक्यूमैंट को अप्रूवल नहीं दी।

वहीं अर्जीनवीस एसोसिएशन के प्रधान गुलशन सारंगल, अर्जीनवीस पवन कुमार बब्बी और गुल्लु ने सब रजिस्ट्रार कार्यालय पर भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगाते हुए कहा कि ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार की मर्जी पर सबकुछ निर्धारित हो रहा है । उन्होंने किस प्रॉपर्टी डॉक्यूमैंट को अप्रूवल देनी है अथवा नहीं। उन्होंने कहा कि अधिकारी रैवेन्यू नियमों और सरकारी की हिदायतों को पूरी तरह से दरकिनार कर रहे हैं। गुलशन ने कहा कि सब रजिस्ट्रार कार्यालय में ऐसे कर्मचारी भी है जो पिछले 5-5 वर्षों से लगातार वहां तैनाती किए हुए हैं, जिसके पीछे राजनीतिक संरक्षण है।

उन्होंने कहा कि सब रजिस्ट्रार कार्यालयों में कम तुर्जुबे वाले अधिकारी की ड्यूटी लगा दी गई है, जिससे रजिस्ट्री का काम लगभग ठप हो चुका है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से 167 कालोनियों को पब्लिक स्ट्रीट घोषित करके अप्रूवल दे दी गई है, परंतु अधिकारी इन कालोनियों के लिए भी 1995 से पहले की रजिस्ट्री या एन.ओ.सी. मांग रहे है, जो कि लोगों के साथ सरासर धक्केशाही है। गुलशन ने कहा कि अधिकारियों के हठी रवैए के कारण जहां लोगों की दिक्कतें लगातार बढ़ रही है, वहीं पंजाब सरकार को रेवन्यू का भी बड़ा नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि मंगलवार सरकारी अवकाश है और वह बुधवार को इस मामले को डिप्टी कमिश्नर के समक्ष उठाएंगे, ताकि ज्वाइंट सब रजिस्ट्रार को दिशा-निर्देश देकर लोगों को राहत मिल सके।

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