Edited By Vatika,Updated: 08 Oct, 2019 12:28 PM

जोड़ा फाटक रेल हादसे के 1 साल बाद यानि दशहरा की पूर्व संध्या पर सोमवार को अकाली दल ने कैंडल मार्च निकाल जहां ‘सिद्धू एंड कंपनी’ के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह
अमृतसर: जोड़ा फाटक रेल हादसे के 1 साल बाद यानि दशहरा की पूर्व संध्या पर सोमवार को अकाली दल ने कैंडल मार्च निकाल जहां ‘सिद्धू एंड कंपनी’ के साथ-साथ पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह पर पूर्व कैबिनेट मंत्री विक्रमजीत सिंह मजीठिया की अगुवाई में सैंकड़ों की गिनती में अकालियों ने घेरा वहीं रेल हादसे पीड़ित परिवारों के आंखें बरस पड़ी।

हरेक आंख नम थीं और दिल में यही आशा थी कि एक दिन रेल हादसे के जिम्मेदार जेल की सलाखों के पीछे होंगे। रेल हादसा को 1 साल बीत गया लेकिन अभी भी घाव भरे नहीं हैं। कई परिवारों के बीच आपसी कलह के चलते सरकार से मिलने वाली 5-5 लाख की रकम से भी हाथ धो बैठे हैं। कुल मिलाकर 1 साल बाद भी इस मामले में जांच रिपोर्ट के आधार पर मामला लटकाया जा रहा है। कैंडल मार्च के दौरान जहां पोस्टर पर पंजाब के पूर्व निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू उनकी पत्नी डा. नवजोत कौर सिद्धू व मिट्ठू मदान के पोस्टक पर क्रास का निशान लगे थे वहीं उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। रेल हादसे के बाद भले ही जांच के बाद रिजल्ट जनता को कुछ नहीं मिला लेकिन लोगों ने रेल हादसे के जिम्मेदार के तौर पर ‘सिद्धू एंड कंपनी’ का पोस्टर हाथों में उठा रखा था। वहीं लेकिन पंजाब में सत्ता सुख साथ-साथ भोगने वाली भाजपा ने इस कैंडल मार्च से किनारा कर लिया।

पिता रेल हादसे में जख्मी हुए, 4 महीने बाद मौत हुई
राजेश कुमार हाथ में पिता बलदेव राज की फोटो लेकर कैंडल मार्च में पहुंचा था। कहने लगा कि पिता रेल हादसे में घायल हो गए। रीढ़ की हड्ड़ी में चोट आई थी। अलग-अलग अस्पतालों में इलाज हुआ लेकिन बीते 2& फरवरी को मौत हो गई। ऐसे में पंजाब सरकार ने उन्हें 5 लाख की सहायता भी नहीं दी। जबकि सारे सबूत उनके पास हैं। इस बारे में डी.सी. से भी मिले थे, उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही उन्हें मुआवजा दिलाने के लिए पंजाब सरकार को पत्र लिखेंगे।

‘ठाकुर’ ने सुहाग छीन लिया, दशहरा ने दीवाली काली की
संगीता के पति ठाकुर प्रसाद की मौत रेल हादसे में हुई थी। मॉल रोड में किसी कोठी में माली का काम करने वाला ठाकुर प्रसाद की मौत के बाद घर में दो जून रोटी के लाले पड़ गए हैं। 3 बच्चे हैं। तीनों पढ़ रहे हैं। 5 लाख की रकम से सारी जिंदगी तो बसर नहीं होती। कहती है सिद्धू ने जो घर गोद लिए थे वो भी सिसक रहे हैं। केवल सिद्धू को बचाने के लिए पंजाब सरकार ने सारा ड्रामा किया है। आज तक दोषियों को जेल क्यों नहीं भेजा गया। कहती है कि रावण ने तो सारी जिंदगी की दीवाली काली कर दी है।

गौरव के हाथ में थी मृतक परिवार की तस्वीर
गौरव डोगरा। जोड़ा फाटक के पास ही रहता है। आज सुबह से ही काम पर न जाकर वो रेल पटरी के पास आकर बैठ गया। हाथ में बहन पूजा डोगरा (40) , जीजा अमन डोगरा (42), भांजा नकुल डोगरा (11) व भांजी कशिश डोगरा (7) की तस्वीर थी। कहते हैं कि हादसे में चारों को ऊपर वाले ने छीन लिया। पिछले 9 सालों से जीजा अमन डोगरा उनके घर पर ही रहता था। पूरा परिवार यहीं रह रहा था। रेल हादसे में 4 की मौत के बाद मृतक अमन डोगरा के उस परिवार ने मिलने वाले 20 लाख पर दावा जताया जिन्होंने 9 साल पहले अमन डोगरा से नाता तोड़ लिया था। मुझे वो 20 लाख नहीं चाहिए।
बेटे की तस्वीर लिए पिता रोता रहा
नंद किशोर हाथ में बेटे रोहित की तस्वीर लिए रोता रहा। कहने लगा कि बुढ़ापे में वही तो साथी था। विधाता ने छीन लिया। सत्यानाश हो रावण दहन करने वालों को जिन्होंने मेरे बेटे समेत 60 जिंदगियां छीन लीं। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार ने भी कुछ नहीं किया। बस जांच के नाम पर पीड़ित जनता को चुप करवा दिया। बेटा कहता था कि पुलिस में भर्ती होगा। अभी 21 साल ही उम्र थी। क्या-क्या सोच रखा था मैंने। सब मिट्टी में मिल गया। इस हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज होना चाहिए।
कैप्टन जिसका पापा है, उसका ही सारा स्यापा है...
पूर्व कैबिनेट मंत्री विक्रमजीत सिंह मजीठिया जब कैंडल मार्च निकाल रहे थे तब लाऊडस्पीकर से नारेबाजी की जा रही थी। जिस दौरान कहा जा रहा था कि ‘कैप्टन जिसका पापा है, उसका ही सारा स्यापा है, सोनिया जिसकी मम्मी है वह सरकार निक्कमी है’। हाथों में कैंडल लेकर करीब 1 किलोमीटर तक सैंकड़ों अकाली लीडर व सदस्य रेल हादसा पीड़ितों के साथ पैदल चलते हुए सिद्धू एंड कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे थे।